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एक्सिओम-4 से पहले इस अंतरिक्ष मिशन को करना पड़ा था बार-बार देरी का सामना
यह मिशन 29 मई को उड़ान भरने वाला था (तस्वीर: एक्सिओम स्पेस)

एक्सिओम-4 से पहले इस अंतरिक्ष मिशन को करना पड़ा था बार-बार देरी का सामना

Jun 20, 2025
02:13 pm

क्या है खबर?

भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के एक्सिओम-4 मिशन को अब तक 6 बार टालना पड़ा है।

यह मिशन 29 मई को उड़ान भरने वाला था, लेकिन तकनीकी समस्याएं, मौसम की खराबी और स्टेशन की तैयारियों के चलते इसे 22 जून तक खिसकाया गया। अब यह तारीख भी आगे बढ़ा दी गई है।

नासा और स्पेस-X ने नई तारीख तय नहीं की है, जिससे मिशन की अनिश्चितता बनी हुई है।

वजह

देरी के पीछे ये बड़ी वजहें

एक्सिओम-4 मिशन की देरी के पीछे कई तकनीकी और संचालन से जुड़ी दिक्कतें सामने आईं।

फाल्कन 9 रॉकेट में लिक्विड ऑक्सीजन का रिसाव, इंजन से जुड़ी समस्या, स्टेशन पर रूसी मॉड्यूल की मरम्मत और मौसम का खराब होना इसकी प्रमुख वजहें रहीं।

स्पेस-X और नासा फिलहाल लॉन्च अवसरों की समीक्षा कर रही हैं। इस बीच, चालक दल 1 महीने से ज्यादा समय से क्वारंटीन में है, जिससे मानसिक और शारीरिक दबाव भी बढ़ रहा है।

मिशन

बोइंग स्टारलाइनर मिशन भी झेल चुका है लंबी देरी

बिलकुल इसी तरह 2024 में बोइंग स्टारलाइनर मिशन को भी कई बार टालना पड़ा था।

मई की बजाय यह जून में लॉन्च हुआ और 8 सप्ताह की योजना वाला मिशन 8 महीने तक खिंच गया। यह मिशन बोइंग और एटलस वी रॉकेट दोनों के लिए पहली मानवयुक्त उड़ान थी, इसलिए इसमें गड़बड़ियों की आशंका पहले से थी।

लगातार देरी और समस्याओं ने बोइंग की प्रतिष्ठा को काफी नुकसान पहुंचाया और नासा की योजना भी प्रभावित हुई।

भागीदारी

एक्सिओम-4 मिशन में भारत की बड़ी भागीदारी

एक्सिओम-4 मिशन में 4 अंतरिक्ष यात्री शामिल होंगे, जिनमें भारत के शुक्ला भी हैं। वह राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे।

इस मिशन में 2 यूरोपीय और 1 अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री भी हैं। सभी अंतरिक्ष यात्री 2 हफ्ते तक अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर रहेंगे और 60 से अधिक प्रयोग करेंगे।

भारत सरकार ने इस मिशन में भागीदारी के लिए लगभग 550 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।