अंतरिक्ष यात्री अपना मूत्र पानी में बदलकर पी सकेंगे, बनाया जा रहा नया स्पेससूट
क्या है खबर?
अमेरिका में वैज्ञानिकों ने एक ऐसे स्पेस सूट का प्रोटोटाइप बनाया है, जिससे अंतरिक्ष यात्री यात्रा के दौरान अपने स्वयं के मूत्र और पसीने को पानी में बदलकर पीने योग्य बना सकेंगे।
नासा का वर्तमान सूट (मैक्सिमम एब्जॉर्बेंसी गारमेंट) मूल रूप से मूत्र और मल एकत्र करने के लिए एक सामान्य डायपर के समान है। स्पेसवॉक के अंत में ये डायपर अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) की अपशिष्ट प्रणाली में चले जाते हैं।
उपयोगिता
भविष्य के मिशन में काफी उपयोगी होगा यह सूट
वर्तमान में नासा जिस स्पेससूट का उपयोग करती है, उसमें केवल 1 लीटर पीने का पानी होता है, जो अक्सर लंबे स्पेसवॉक के लिए पर्याप्त नहीं होता।
ऐसे में यह नया स्पेससूट भविष्य के मिशनों में स्पेसवॉक के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों के लिए काफी उपयोगी होगा।
यह चंद्रमा पर नासा के आगामी क्रू-मिशन के लिए समय पर तैयार हो सकता है। यह मिशन 2025-26 में लॉन्च होने की सम्भावना है।
काम
कैसे काम करता है नया सूट?
न्यूयॉर्क में कॉर्नेल विश्वविद्यालय के क्रिस मेसन का कहना है कि उन्होंने और उनके सहयोगियों ने एक जूते के डिब्बे के आकार का 8 किलोग्राम का उपकरण बनाया है, जिसे कमर पर लगाया जाता है।
यह दो-चरणीय ऑस्मोसिस फिल्टर के माध्यम से 87 प्रतिशत दक्षता के साथ एकत्र किए गए मूत्र को रीसायकल कर सकता है।
रीसायकल किया गया मूत्र या पसीना पीने लायक हो जाता है।
यह 5 मिनट में 500 मिलीलीटर तक मूत्र रीसायकल कर सकता है।