
पंजाब: बिक्रम मजीठिया क्यों गिरफ्तार हुए, 540 करोड़ रुपये का ड्रग-मनी लॉन्ड्रिंग मामला क्या है?
क्या है खबर?
पंजाब के विजिलेंस ब्यूरो ने 25 जून को बड़ी कार्रवाई करते हुए शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को गिरफ्तार कर लिया है। विजिलेंस ने सुबह-सुबह मजीठिया के अमृतसर स्थित आवास समेत 25 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा और कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दस्तावेज भी जब्त किए। ये मामला ड्रग मनी और आय से अधिक संपत्ति से जुड़ा हुआ है। आइए पूरा मामला जानते हैं।
गिरफ्तारी
मजीठिया के 9 ठिकानों पर हुई छापेमारी
एक पुराने मामले के आधार पर मजीठिया के खिलाफ 25 जून की सुबह पंजाब स्टेट वीबी पुलिस थाना, मोहाली में FIR दर्ज की गई थी। इसके ठीक बाद पंजाब पुलिस और विजिलेंस ने संयुक्त ऑपरेशन चलाते हुए मजीठिया के 9 ठिकानों समेत 25 जगहों पर छापा मारा। इस अभियान का नेतृत्व AIG स्वर्णदीप सिंह ने किया, जो विजिलेंस मोहाली की फ्लाइंग स्क्वॉड का हिस्सा हैं। मजीठिया के आवास पर 30 से ज्यादा अधिकारियों की टीम ने छापा मारा था।
छापे
छापे के दौरान क्या-क्या जब्त किया गया?
आम आदमी पार्टी (AAP) ने एक बयान में कहा कि अमृतसर में 11, तरनतारन में 4, संगरूर में 3 और लुधियाना में 2 जगह पर विजिलेंस की छापेमारी की गई। विजिलेंस ने मजीठिया के घर से 29 मोबाइल, 5 लैपटॉप, 3 आईपैड, 2 कम्प्यूटर, 8 डायरी और अन्य दस्तावेज जब्त किए। छापे के दौरान मजीठिया की विजिलेंस टीम से बहस भी हुई। उन्होंने सोशल मीडिया पर इसके वीडियो भी साझा किए हैं।
मामला
क्या है मामला?
दरअसल, 2021 में पंजाब पुलिस के साइबर क्राइम ने मजीठिया के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था। इस मामले की जांच विशेष जांच दल (SIT) कर रही थी। SIT की जांच के आधार पर ही विजिलेंस ने FIR दर्ज कर मजीठिया के ठिकानों पर छापा मारा। FIR में मजीठिया और उनकी पत्नी गनीव कौर का भी नाम है। आरोप है कि 2007 में मंत्री बनने के बाद मजीठिया की संपत्ति बेतहाशा तरीके से बढ़ी।
540 करोड़
540 करोड़ रुपये की ड्रग मनी का मामला क्या है?
SIT जांच में 540 करोड़ रुपये से ज्यादा के संदिग्ध लेन-देन सामने आए थे। FIR में मजीठिया और उनकी पत्नी द्वारा आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने की भी बात कही गई। 540 करोड़ रुपये में से 161 करोड़ रुपये मजीठिया के नियंत्रण वाली कंपनियों के बैंक खातों में, 141 करोड़ रुपये का लेनदेन विदेशी संस्थाओं के जरिए और कंपनी के वित्तीय विवरणों में 236 करोड़ रुपए की राशि का खुलासा किया गया।
खुलासा
मामले में कैसे आया मजीठिया का नाम?
2012 में पंजाब में 6,000 करोड़ रुपये की ड्रग तस्करी के मामले का खुलासा हुआ था। इस मामले में फतेहगढ़ साहिब में FIR दर्ज की गई थी। 2014 में इस मामले के एक आरोपी और पंजाब पुलिस के बर्खास्त पुलिस उपाधीक्षक (DSP) जगदीश भोला ने कोर्ट में कहा था कि मजीठिया की भी इसमें भूमिका है। भोला ने आरोप लगाया था कि मजीठिया के ड्रग तस्करी नेटवर्क से संबंध हैं। 2021 में मजीठिया के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी।
मजीठिया
मामले पर मजीठिया का क्या कहना है?
मजीठिया ने मामले को राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा, "जब भगवंत मान सरकार को झूठे ड्रग मामले में मेरे खिलाफ कुछ नहीं मिला, तो अब वह मेरे खिलाफ नया झूठा मामला दर्ज करने की तैयारी कर रही है। भगवंत मान जी, यह समझ लीजिए, चाहे आप कितने भी पर्चे दे दीजिए, न तो मैं डरूंगा और न ही आपकी सरकार मेरी आवाज दबा सकेगी। मैंने हमेशा पंजाब के मुद्दों पर बात की है और आगे भी करता रहूंगा।"