कौन है रविशंकर प्रसाद की जगह सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री बनने वाले अश्विनी वैष्णव?
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार से पहले बुधवार को कई दिग्गज मंत्रियों के इस्तीफे लिए गए थे। इनमें सबसे चौंकाने वाला इस्तीफा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद का था। उन्हें मोदी सरकार का सबसे कट्टर समर्थक माना जाता था। प्रसाद की जगह पूर्व IAS अधिकारी और उद्यमी अश्विनी वैष्णव को नियुक्त किया गया है। इसके अलावा उन्हें रेल मंत्रालय की भी जिम्मेदारी दी गई है। यहां जानते हैं वैष्णव के बारे में सबकुछ।
1970 में राजस्थान के जोधपुर में हुआ था वैष्णव का जन्म
50 वर्षीय वैष्णव का जन्म 1970 में राजस्थान के जोधपुर जिले में हुआ था। उन्होंने 1991 में MBM इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक और संचार इंजीनियरिंग में स्नातक किया था। इसके बाद उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर से प्रौद्योगिकी में परास्नातक (MTech) पूरा किया। इसके बाद 1994 में वह भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में चयनित हो गए। उन्होंने ओडिशा के बालासोर और कटक में जिला मजिस्ट्रेट और जिला कलक्टर के रूप में कार्य किया है।
1999 के सुपर साइक्लोन के बाद पुनर्वास में वैष्णव की भूमिका
एक IAS अधिकारी के रूप में अपने करियर के दौरान, वैष्णव ने 1999 में ओडिशा में आए विनाशकारी सुपर साइक्लोन के प्रभाव से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस साइक्लोन में हजारों लोगों की मौत हुई थी। उस समय उन्होंने अमेरिकी नौसेना की वेबसाइट पर चक्रवात पर नज़र रखने के लिए अपनी शिफ्ट बिताई और राज्य के मुख्य सचिव कार्यालय को नियमित रिपोर्ट भेजी। इससे सरकार को समय पर उपाय करने और लोगों को बचाने में मदद मिली।
"उन्होंने हर घंटे रखी थी चक्रवात पर नजर"
उस समय मुख्य सचिव कार्यालय में कार्यरत रहे एक अधिकारी ने कहा, "उन्होंने हर घंटे चक्रवात पर नज़र रखी और नियमित अंतराल पर मुख्य सचिव को अपनी रिपोर्ट भेजी। यही रिपोर्ट ओडिशा सरकार के लिए सूचना का एक प्रमुख स्रोत रही थी।"
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ भी काम कर चुके हैं वैष्णव
साल 2004 में केंद्र में NDA की सरकार बनने के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वैष्णव को अपना निजी सचिव नियुक्त किया था। उससे पहले 2003 तक उन्होंने कटक में जिला कलक्टर के रूप में काम किया था। इसके बाद उन्होंने 2008 में उन्होंने प्रधानमंत्री वाजपेयी के निजी सचिव का पद छोड़ दिया। इसके बाद वैष्णव ने स्टडी लीव ले ली और फिर वह अमेरिका के व्हार्टन बिजनेस स्कूल से फाइनेंस में MBA की पढ़ाई करने चले गए।
वैष्णव ने 2012 में गुजरात में स्थापित की थी दो विनिर्माण इकाइयां
पेनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी के व्हार्टन स्कूल से MBA पूरा करने के बाद वैष्णव ने 2011 में सिविल सर्विसेस को छोड़ दिया था। इसके बाद उन्होंने GE ट्रांसपोर्टेशन में प्रबंध निदेशक और सीमेंस में अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर स्ट्रैटेजी के प्रमुख के तौर पर कार्य किया। साल 2012 में, उन्होंने कॉरपोरेट सेक्टर को भी अलविदा कह दिया और गुजरात में थ्री टी ऑटो लॉजिस्टिक्स और वी जी ऑटो कंपोनेंट्स के नाम से दो ऑटोमोटिव कंपोनेंट्स विनिर्माण इकाइयों की स्थापना कर दी।
2019 में भाजपा में शामिल होकर सांसद बने थे वैष्णव
वैष्णव ने 2019 में सत्तारूढ़ भाजपा का दामन थाम लिया और राज्यसभा सांसद बन गए। उन्हें ओडिशा की सत्तारूढ़ बीजू जनता दल से भी समर्थन मिला है। पार्टी ने कुछ वर्गों की आलोचना के बाद भी राज्यसभा में उनका समर्थन किया था।
वैष्णव ने चुनौतीपूर्ण समय में संभाला है IT मंत्रालय का कार्यभार
वैष्णव ने ऐसे समय में IT मंत्रालय का कार्यभार संभाला है जब सरकार टेक दिग्गजों, खासकर ट्विटर के साथ नए नियमों की पालना को लेकर तकरार में फंसी है। सरकार ने नए IT दिशानिर्देशों का पालन न करने पर टि्वटर को बार-बार फटकार लगाई, जबकि कंपनी ने उपयोगकर्ता की गोपनीयता जैसे मुद्दों को उठाया है। ट्विटर ने भी हाल ही में भारत में अपनी कानूनी सुरक्षा खो दी और उसे कई पुलिस मामलों का सामना करना पड़ रहा है।
'प्रधानमंत्री के विजन को साकार बनाने के लिए किए जाएंगे अथक प्रयास'
वैष्णव ने कल रात ट्वीट किया, "मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को केंद्रीय मंत्री के रूप में देश की सेवा करने का अवसर देने के लिए धन्यवाद देता हूं। मैं कल कार्यभार संभालूंगा और उनके विजन को साकार करने के लिए अथक प्रयास करूंगा।'