महाराष्ट्र: सांसद रवींद्र वायकर की जीत पर नया विवाद, EVM से जुड़ा था रिश्तेदार का मोबाइल
क्या है खबर?
महाराष्ट्र की मुंबई उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट से शिवसेना (शिंदे) गुट के नवनिर्वाचित सांसद रवींद्र वायकर के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं।
अब पुलिस ने जांच के दौरान पाया है कि वायकर के रिश्तेदार और आरोपी मंगेश पांडिलकर का मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से जुड़ा हुआ था।
इसी मोबाइल का इस्तेमाल मतगणना वाले दिन EVM मशीन को अनलॉक करने के लिए जरूरी OTP जनरेट करने में किया गया था।
नोटिस
पुलिस ने चुनाव आयोग अधिकारी को भेजा नोटिस
वनराई पुलिस ने आरोपी पांडिलकर के खिलाफ मतगणना केंद्र के अंदर मोबाइल फोन इस्तेमाल करने को लेकर मामला दर्ज किया है।
पांडिलकर और चुनाव आयोग के पोल पोर्टल संचालक दिनेश गुरव को नोटिस भी भेजा गया है। पुलिस ने मोबाइल फोन से डेटा जुटाने के लिए फोन को फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी भेज दिया है।
फोन पर मौजूद फिंगरप्रिंट भी लिए जा रहे हैं। अखबार मिड डे ने इसकी पुष्टि की है।
पुलिस
मामले पर पुलिस का क्या कहना है?
मिड डे से बात करते हुए एक अधिकारी ने कहा, "हम यह भी जांच कर रहे हैं कि मोबाइल फोन का इस्तेमाल किसी और कारण से तो नहीं किया गया था। हमने अन्य उम्मीदवारों के बयान दर्ज कर लिए हैं और आरोपी पांडिलकर और मतदान कर्मी दिनेश गुरव को नोटिस भी भेजा गया है।"
उन्होंने कहा, "अभी तक पांडिलकर जांच में सहयोग कर रहे हैं, लेकिन अगर वो आगे सहयोग नहीं करेंगे तो हम गिरफ्तारी वारंट जारी करेंगे।"
आरोप
कीर्तिकर ने लगाए ये आरोप
कीर्तिकर का कहना है कि 19वें चरण की मतगणना तक हर चरण के वोट स्क्रीन पर दिखाए जा रहे थे, लेकिन उसके बाद ये प्रक्रिया बंद हो गई और 26वें चक्र के बाद सीधे वायकर को विजयी घोषित कर दिया गया।
कीर्तिकर ने कहा कि इसकी शिकायत उन्होंने मतगणना के दिन ही की थी और अगर उसी समय मतों की पुनर्गणना की मांग मान ली जाती तो आज यह मुद्दा न उठता।
कांग्रेस
कांग्रेस ने चुनाव आयोग से पूछे सवाल
मामले पर कांग्रेस ने कहा, 'EVM से जुड़ा एक गंभीर मामला सामने आया है। मुंबई में NDA उम्मीदवार वायकर के रिश्तेदार का मोबाइल फोन EVM से जुड़ा था। इस उम्मीदवार की जीत सिर्फ 48 वोट से हुई है। ऐसे में सवाल है कि आखिर NDA उम्मीदवार के रिश्तेदार का मोबाइल EVM से क्यों जुड़ा था? जहां वोटों की गिनती हो रही थी, वहां मोबाइल कैसे पहुंचा? सवाल कई हैं, जो संशय पैदा करते हैं। चुनाव आयोग को स्पष्टीकरण देना चाहिए।'
प्रियंका
प्रियंका चतुर्वेदी ने बोला हमला
इस मामले को लेकर शिवसेना (उद्धव) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने लिखा, 'यह बड़े स्तर पर की गई धोखाधड़ी है, लेकिन फिर भी चुनाव आयोग सोता रहता है। हेरफेर करने वाले विजेता सांसद का रिश्तेदार मतगणना केंद्र पर एक मोबाइल फोन लेकर गया था, जिसमें EVM मशीन को अनलॉक करने की क्षमता थी।'
उन्होंने आगे लिखा, 'अगर आयोग ने इसमें हस्तक्षेप नहीं किया तो यह चंडीगढ़ मेयर चुनाव के बाद सबसे बड़ा घोटाला होगा और यह लड़ाई कोर्ट में जाएगी।'
जीत
केवल 48 वोटों से जीते थे वायकर
मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट से वायकर का मुकाबला शिवसेना (उद्धव) के सांसद गजानंद कीर्तिकर के बेटे अमोल कीर्तिकर से था।
वायकर को चुनाव में 4,52,644 मिले थे, जबकि कीर्तिकर को 4,52,596 वोट मिले। इस तरह वायकर ने केवल 48 वोटों से जीत दर्ज की थी।
मतगणना के दौरान भी काफी विवाद हुआ था। चुनाव आयोग ने इस सीट के नतीजे काफी देर से घोषित किए थे। इस पर कीर्तिकर ने आपत्ति भी जताई थी।