संबित पात्रा के मोदी और भगवान जगन्नाथ पर दिए बयान पर क्यों हो रहा विवाद?
लोकसभा चुनावों के छठे चरण में ओडिशा की पुरी लोकसभा सीट पर 25 मई को मतदान होना है। यहां से भाजपा ने संबित पात्रा को टिकट दिया है, लेकिन वे मतदान से पहले विवादों में घिर गए हैं। भगवान जगन्नाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई टिप्पणी से पात्रा की मुश्किलें बढ़ गई है। हालांकि, पात्रा ने माफी मांग ली है, लेकिन विवाद थमता नहीं दिख रहा है। आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है।
पात्रा ने क्या कहा था?
दरअसल, 20 मई को प्रधानमंत्री मोदी पात्रा के पक्ष में पुरी में रैली करने गए थे। इसके बाद कनक न्यूज चैनल से बात करते हुए पात्रा ने कहा था, "भगवान जगन्नाथ मोदी के भक्त हैं और हम सभी मोदी के परिवार के सदस्य हैं। मैं ऐसे अविश्वसनीय क्षणों को देखने के बाद अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख सकता। मुझे लगता है कि यह सभी ओडिया लोगों के लिए एक विशेष दिन है।"
टिप्पणी पर पात्रा ने माफी मांगी
पात्रा ने वीडियो जारी कर कहा, "आज महाप्रभु जगन्नाथ को लेकर मुझसे जो भूल हुई है, उसको लेकर मेरा मन दुखी है। मैं जगन्नाथ जी के चरणों में शीश झुकाकर माफी मांगता हूं। मैं अपनी गलती को सुधारने और पश्चाताप के लिए अगले 3 दिन उपवास करूंगा। मैंने कई मीडिया चैनलों को बाइट्स दीं। हर जगह मैंने उल्लेख किया कि मोदी जी श्री जगन्नाथ महाप्रभु के कट्टर भक्त हैं, लेकिन गलती से एक जगह इसके विपरीत कहा गया।"
नवीन पटनायक ने भाजपा को घेरा
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने लिखा, 'महाप्रभु श्री जगन्नाथ ब्रह्मांड के भगवान हैं। महाप्रभु को एक इंसान का भक्त कहना भगवान का अपमान है। इससे भावनाएं आहत हुई हैं और दुनिया भर में करोड़ों जगन्नाथ भक्तों और उड़िया लोगों की आस्था को ठेस पहुंची है। भगवान उड़िया अस्मिता (गौरव) का सबसे बड़ा प्रतीक हैं। महाप्रभु को दूसरे इंसान का भक्त कहना पूरी तरह से निंदनीय है। इसे ओडिशा के लोग लंबे समय तक याद रखेंगे और इसकी निंदा करेंगे।'
राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल ने भी बोला हमला
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, "जब प्रधानमंत्री खुद को सम्राट और भगवान उन्हें दरबारी लगने लगे तो साफ है कि पाप की लंका का पतन करीब है। करोड़ों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अधिकार मुट्ठीभर भाजपाइयों को किसने दिया? यही अहंकार उनके विनाश का कारण बन रहा है।" अरविंद केजरीवाल ने कहा, "उन्होंने सोचना शुरू कर दिया है कि वे भगवान से ऊपर हैं। यह अहंकार की पराकाष्ठा है।"
BJD के अरूप पटनायक से पात्रा का मुकाबला
पात्रा के खिलाफ बीजू जनता दल (BJD) ने अरूप पटनायक को पुरी से उम्मीदवार बनाया है। अरूप मुंबई के पुलिस कमिश्नर रह चुके हैं। कांग्रेस ने यहां से सुचारिता मोहंती को अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन उन्होंने टिकट लौटा दिया था। उन्होंने इस संबंध में पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल को पत्र लिखा था, जिसमें चुनाव लड़ने के लिए पार्टी की ओर से फंड नहीं देने की बात कही गई थी।
2019 में हार के बावजूद पात्रा को मिला है टिकट
2019 के लोकसभा चुनावों में भी भाजपा ने पुरी से पात्रा को टिकट दिया था। हालांकि, तब उन्हें BJD के पिनाकी मिश्रा ने करीबी मुकाबले में करीब 11,000 वोटों से हरा दिया था। कांग्रेस प्रत्याशी सत्य प्रकाश नायक को सिर्फ 44,734 वोट मिले थे। हार के बावजूद भाजपा ने पात्रा को दोबारा पुरी से उतारा है। 1998 से ये सीट BJD के पास है, लेकिन बीते सालों में पात्रा ने यहां डेरा जमाए रखा था।