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उत्तर प्रदेश में अब नहीं होगी जाति आधारित रैलियां, पुलिस रिकॉर्ड्स से भी जाति हटेगी
उत्तर प्रदेश में जाति आधारित रैली पर रोक

उत्तर प्रदेश में अब नहीं होगी जाति आधारित रैलियां, पुलिस रिकॉर्ड्स से भी जाति हटेगी

लेखन गजेंद्र
Sep 22, 2025
10:10 am

क्या है खबर?

उत्तर प्रदेश में जातिगत भेदभाव को खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने आदेश जारी कर कहा है कि प्रदेश में अब सार्वजनिक स्थलों पर जाति का उल्लेख नहीं होगा। साथ ही पुलिस रिकॉर्ड्स और प्राथमिकी से भी जाति का जिक्र हटाया जाएगा। यह आदेश सरकार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए जारी किया है।

आदेश

सरकार का क्या है आदेश?

आदेश में कहा गया है कि पुलिस अभिलेखों, सार्वजनिक संकेतों में जाति का प्रदर्शन रोका जाए और जातीय संघर्ष प्रेरित करने वालों के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाए। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के क्राइम क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (CCTNS) में अभियुक्तों की जाति बताने वाले कॉलम को हटाया जाए और अभियुक्तों के पिता के साथ मां का भी नाम दर्ज हो। वाहनों और सार्वजनिक स्थानों पर जाति का महिमामंडन करने वालों पर भी कार्रवाई को कहा गया है।

कोर्ट

हाई कोर्ट का क्या है निर्देश?

इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की एकलपीठ ने 19 सितंबर को प्रवीण छेत्री से जुड़े शराब तस्करी के मामले में सुनवाई के दौरान छेत्री की भील जाति का उल्लेख करने पर आपत्ति जताई थी। कोर्ट ने जाति का महिमामंडन राष्ट्र-विरोधी बताया और संवैधानिक नैतिकता का हवाला देते हुए सरकार से दस्तावेजी प्रक्रियाओं में बदलाव करने को कहा था। कोर्ट में पुलिस महानिदेशक ने जाति उल्लेख के समर्थन में हलफनामा भी दिया था, जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया।