मंत्री अजय मिश्रा की किसानों पर विवादित टिप्पणी, राकेश टिकैत को कहा "दो कौड़ी का आदमी"
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में चार किसानों को गाड़ी के नीचे कुचलकर मारने के आरोपी आशीष मिश्रा के पिता और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने किसानों और किसान नेता राकेश टिकैत पर विवादित टिप्पणी की है।
उन्होंने बिना नाम लिए प्रदर्शनकारी किसानों की तुलना "गाड़ी पर भौंकने वाले कुत्तों" से की, वहीं टिकैत को "दौ कोड़ी का आदमी" बताया।
टेनी ने कहा कि टिकैत की रोजी-रोटी प्रदर्शन करने से ही चलती है।
विवादित बयान
मंत्री ने क्या-क्या कहा?
लखीमपुर खीरी में अपने एक भाषण में प्रदर्शनकारी किसानों की तरफ इशारा करते हुए अजय मिश्रा ने कहा, "हाथी चलता है, कुत्ते भौंकते रहते हैं... मान लीजिए कि हम लखनऊ जा रहे हैं... तेज रफ्तार से गाड़ी जा रही है... सड़क पर कई बार होता है कि कुत्ते भौंका करते हैं... कई बार कुत्ते गाड़ी के पीछे दौड़ने लगते हैं। वो उनका स्वभाव होता है, उसके लिए मैं कुछ नहीं कहूंगा। हमारा ऐसा स्वभाव नहीं है।"
राकेश टिकैत
राकेश टिकैत पर मिश्रा ने क्या कहा?
टिकैत पर मिश्रा ने कहा, "मैं राकेश टिकैत को बहुत अच्छी तरह से जानता हूं। दो कौड़ी का आदमी है... उसने दो बार चुनाव लड़ा, दोनों बार जमानत जब्त हो गई। इस तरह का व्यक्ति किसी का विरोध करता है तो उसका कोेई मतलब नहीं होता, इसलिए मैं ऐसे लोगों को कभी जवाब भी नहीं देता हूं... इसी से उनकी राजनीति चलती है, इसी से उनकी रोजी-रोटी चल रही है तो वो अपना चलाएं। समय आने पर जवाब दिया जाएगा।"
महाधरना
पिछले हफ्ते ही राकेश टिकैत ने लखीमपुर में दिया था तीन दिवसीय महाधरना
गौरतलब है कि मिश्रा का ये बयान ऐसे समय पर आया है जब पिछले हफ्ते ही किसानों ने तीन दिन तक लखीमपुर खीरी में महाधरना दिया था।
राकेश टिकैत भी इस धरने में शामिल हुए थे और इसकी प्रमुख मांग अजय मिश्रा को मंत्री पद से बर्खास्त करने की थी क्योंकि उनका बेटा किसानों को कुचल कर मारने का आरोपी है।
धरने में पीड़ित किसानों के परिजनों को इंसाफ और घायल किसानों को मुआवजा देने की मांग भी की गई।
लखीमपुर खीरी हिंसा
लखीमपुर खीरी में क्या हुआ था?
पिछले साल 3 अक्टूबर को अजय मिश्रा के दौरे के समय लखीमपुर खीरी में हिंसा हुई थी, जिसमें चार आंदोलनकारी किसानों समेत कुल आठ लोगों की मौत हुई।
मिश्रा कार्यक्रम के लिए लखीमपुर स्थित अपने पैतृक गांव पहुंचे थे। आरोप है कि लौटते वक्त मिश्रा के बेटे आशीष ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी, जिसमें चार किसान मारे गए।
बाद में भीड़ ने दो भाजपा कार्यकर्ताओं और ड्राइवर को पीट-पीट कर मार दिया। एक पत्रकार भी मारा गया था।