भाजपा के संविधान के किस नियम के तहत नुपुर शर्मा को निलंबित किया गया?
क्या है खबर?
भाजपा ने रविवार को पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने वाले अपने दो प्रवक्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की थी।
पार्टी ने जहां नवीन कुमार जिंदल को निष्कासित कर दिया है, वहीं नुपुर शर्मा को निलंबित किया गया है।
शर्मा के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भाजपा ने अपने संविधान के 10(a) नियम का इस्तेमाल किया है।
आइये जानने की कोशिश करते हैं कि यह नियम क्या है और क्यों इसका इस्तेमाल किया गया है।
जानकारी
नुपुर ने रखे पार्टी से अलग विचार- भाजपा
नुपुर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पार्टी ने कहा कि आपने अलग-अलग मुद्दों पर पार्टी की स्थिति से अलग विचार रखे हैं, जो भाजपा के संविधान के नियम 10(a) का साफ उल्लंघन है। इसके लिए पार्टी आपको तुरंत प्रभाव से निलंबित करती है।
जानकारी
धर्म को लेकर भाजपा के संविधान में क्या कहा गया है?
भाजपा के संविधान के अनुच्छेद 2 में लिखा गया है कि पार्टी का उद्देश्य एक लोकतांत्रिक राज्य की स्थापना करना है, जो सभी नागरिकों को जाति, पंथ या लिंग, राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक न्याय, अवसर की समानता और विश्वास और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देता है।
इसके अलावा पार्टी का सदस्यता फॉर्म भरते समय यह शपथ लेनी होती है कि वो धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र की अवधारणा की सदस्यता ले रहे हैं जो धर्म पर आधारित नहीं है।
भाजपा का संविधान
नियम 10 में क्या कहा गया है?
भाजपा के संविधान के नियम 10 में पार्टी अध्यक्ष को अनुशासन के मामलों में काफी शक्तियां दी गई हैं।
इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष को अगर लगता है तो वो किसी भी सदस्य को निलंबित कर सकते हैं और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू कर सकते हैं।
इसी नियम के तहत ही शर्मा को उनके खिलाफ जांच शुरू होने से पहले निलंबित कर दिया गया था। इसी तरह जिंदल के खिलाफ कार्रवाई हुई थी।
जानकारी
यह है अनुशासन उल्लंघन के मामले में कार्रवाई की प्रक्रिया
पार्टी के नियमों के अनुसार, अनुशासन के उल्लंघन की जांच को लेकर पार्टी पांच सदस्यों की जांच समिति का गठन करेगी, जो अपनी खुद प्रक्रिया तय करेगी। राज्य स्तरीय समिति केवल अपने अधीन आने वाली यूनिट्स के खिलाफ ही कार्रवाई कर सकती है।
इसमें कहा गया है कि शिकायत मिलने पर राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश इकाई के अध्यक्ष किसी भी व्यक्ति और यूनिट को निलंबित सकते हैं। उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया जा सकता है।
जानकारी
बयानों के कारण भारत को झेलनी पड़ रही है शर्मिंदगी
पैगंबर मोहम्मद पर भाजपा नेताओं की विवादित टिप्पणियों से शुरू हुआ विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है।
ईरान, इराक, कुवैत, कतर, ओमान, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, जॉर्डन, अफगानिस्तान, बहरीन, मालदीव, लिबिया और इंडोनेशिया समेत अब तक 15 देश विवादित बयान पर अपना आधिकारिक विरोध दर्ज करवा चुके हैं। कतर ने तो इस विवाद को लेकर भारत सरकार से सार्वजनिक माफी मांगने की मांग की है।