महाराष्ट्र: महायुति में मतभेद? सरकारी कार्यक्रमों से एकनाथ शिंदे गायब, संरक्षण मंत्रियों के लेकर भी विवाद
क्या है खबर?
महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में मतभेद की अटकलें हैं। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हाल ही में 3 सरकारी कार्यक्रमों में शामिल नहीं हुए, जिनसे इन अटकलों को और बल मिल गया है।
इससे पहले शिंदे द्वारा अपने मंत्रालय में 'उपमुख्यमंत्री मेडिकल रिलीफ सेल' बनाने को लेकर विवाद की खबरें थीं।
हाल ही में शिंदे गुट के 20 विधायकों की सुरक्षा वापस लेने पर भी मतभेद की खबरें सामने आई थीं।
कार्यक्रम
सरकारी कार्यक्रमों से शिंदे ने बनाई दूरी
17 फरवरी को ठाणे जिले के बदलापुर में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण समारोह था। शिंदे इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए।
19 फरवरी को ऐतिहासिक आगरा किले में शिवाजी महाराज की जयंती समारोह से भी शिंदे ने दूरी बना ली थी।
पुणे के अम्बेगांव बुद्रुक में शिवसृष्टि थीम पार्क के दूसरे चरण के उद्घाटन में भी शिंदे मौजूद नहीं थे।
इन तीनों कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस शामिल हुए थे।
सुरक्षा
शिंदे गुट के 20 विधायकों की सुरक्षा हटाई गई
हाल ही में शिंदे गुट के करीब 20 विधायकों की सुरक्षा घटाई गई थी। पहले इन्हें वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिलती थी, जिसे अब घटाकर केवल एक कॉन्स्टेबल पर कर दिया गया है।
इस फैसले को भी मतभेद से जोड़कर देखा गया था, क्योंकि गृह मंत्रालय फडणवीस के अधीन आता है।
अक्टूबर, 2022 में शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें समर्थन करने वाले 44 विधायकों और 11 सांसदों को वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी दई थी।
पद
संरक्षण मंत्रियों की नियुक्ति पर भी विवाद
महायुति में संरक्षण मंत्रियों की नियुक्ति को लेकर भी बड़ा विवाद है।
फडणवीस ने रायगढ़ और नासिक जिलों के संरक्षण मंत्री का पद शिवसेना नेताओं को नहीं दिया। फडणवीस ने अदिति तटकरे को रायगढ़ का संरक्षक मंत्री नियुक्त किया था। कहा जा रहा था कि इससे शिंदे नाराज थे, क्योंकि वे शिवसेना के नेता के लिए ये पद चाहते थे।
बाद में दूसरे जिलों में भी पद को लेकर विवाद सामने आए।
बैठक
फडणवीस और शिंदे ने अलग-अलग बैठकें बुलाईं
फडणवीस ने कुंभ मेले की समीक्षा बैठक बुलाई थी, जिसमें शिंदे शामिल नहीं हुए। इसके बजाय शिंदे ने अपनी अलग बैठक बुला ली।
पिछले महीने शिंदे ने फडणवीस द्वारा बुलाई गई नासिक मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण की बैठक छोड़ दी थी। बाद में उन्होंने खुद इस विषय पर अलग से समीक्षा बैठक की थी।
17 फरवरी को शिवसेना के उदय सामंत ने उद्योग विभाग की समीक्षा बैठक बुलाई, जबकि जनवरी में ऐसी ही एक बैठक फडणवीस कर चुके थे।
बयान
शिंदे बोले- हमारे बीच कोई मतभेद नहीं
मतभेद की खबरों पर शिंदे ने कहा, "महायुति की तीनों पार्टियों में कभी कोल्ड वॉर नहीं होगा और ना हॉट वार होगा। महायुति में कोई मतभेद नहीं है और न मैं नाराज हूं। हम जनता के लिए काम कर रहे हैं। महायुति की तीनों पार्टियों का एक ही उद्देश्य है कि जनता की सेवा, जनता के लिए कितना काम हो और तीनों मिलकर काम कर रहे हैं। ये महाविकास अघाडी नहीं है कि मतभेद और कोल्ड वार चलेगा।"