
तमिलनाडु पुलिस का आरोप- विजय जानबूझकर देरी से पहुंचे और रोड शो की अनुमति नहीं ली
क्या है खबर?
तमिलनाडु पुलिस ने अभिनेता से राजनेता बने थलापति विजय की करूर में हुई रैली को शक्ति प्रदर्शन बताते हुए भगदड़ का दोषी बताया है। NDTV के मुताबिक, पुलिस ने अपनी FIR में कहा है कि विजय ने तमिलगा वेत्री कड़गम (TVK) की रैली में जानबूझकर आने में देरी की, जिससे 41 लोगों की मौत हुई। पुलिस ने बताया कि विजय कार्यक्रम स्थल पर 4 घंटे देरी से पहुंचे थे और उस दौरान भीड़ लगभग 3 गुनी हो गई थी।
भगदड़
दोपहर को देना था भाषण, लेकिन शाम को पहुंचे
रिपोर्ट में FIR के हवाले से बताया गया कि रैली सुबह 9 बजे शुरू होनी थी, लेकिन समय पर शुरू न होने से 11 बजे तक भारी भीड़ जमा हो गई थी। विजय को दोपहर 12 बजे भाषण देना था, लेकिन वह शाम को 7 बजे पहुंचे थे। पुलिस ने बताया कि विजय बताए गए समय से 4 घंटे बाद कार्यक्रम स्थल पहुंचे, जो उनके द्वारा 'अनावश्यक उम्मीदें' पैदा करने के लिए किया गया था।
अनुमति
रोड शो की नहीं ली थी अनुमति
पुलिस ने बताया कि विजय का कार्यक्रम वास्तविक तौर पर एक रोड शो था, जिसके लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी। उन्होंने बताया कि विजय को ले जा रही प्रचार बस बार-बार कई स्थानों पर पूर्व सूचना के और अनियोजित ढंग से रूक रही थी, जिससे यातायात बाधित हुआ। साथ ही आरोप है कि TVK ने उनकी प्रतिक्षा कर रही भीड़ के लिए भोजन, पानी और सुविधाओं की कमी की चेतावनियों को भी नजरअंदाज किया।
आरोप
TVK कार्यकर्ताओं पर अवरोधक तोड़ने के आरोप
पुलिस ने FIR में बताया कि TVK कार्यकर्ताओं ने भीड़ को नियंत्रित करने और भगदड़ जैसी आपदाओं को रोकने के लिए लगाए गए पुलिस अवरोधकों को तोड़ दिया था। आरोप है कि कार्यकर्ता एक शेड के ऊपर चढ़ गए थे, जिसके टूटने पर वे अभिनेता की एक झलक पाने के लिए एक शेड की टिन की छत पर चढ़ गए, जिसके टूटने के बाद हुई दुर्घटना में TVK कार्यकर्ताओं की जान चली गई।
साजिश
TVK ने हादसे को बताया है षड्यंत्र
TVK ने घटना के पीछे षड्यंत्र का आरोप लगाया है और मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दायर कर किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की है। पार्टी ने आरोप लगाया कि यह हादसा आकस्मिक नहीं, बल्कि एक साजिश का नतीजा था। याचिका में TVK ने भीड़ पर पथराव और पुलिस लाठीचार्ज का भी हवाला दिया। पार्टी ने राज्य सरकार के उन आरोपों को भी खारिज किया, जिसमें रैली में सुरक्षा दिशानिर्देशों के उल्लंघन की बात कही गई थी।