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सुप्रीम कोर्ट में OBC आरक्षण बढ़ाने की याचिका खारिज, तेलंगाना सरकार को लगा झटका 
सुप्रीम कोर्ट से तेलंगाना की रेवंत रेड्डी सरकार को झटका लगा

सुप्रीम कोर्ट में OBC आरक्षण बढ़ाने की याचिका खारिज, तेलंगाना सरकार को लगा झटका 

लेखन गजेंद्र
Oct 16, 2025
01:56 pm

क्या है खबर?

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को तेलंगाना हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका को खारिज कर दिया है, जिससे तेलंगाना की रेवंत रेड्डी सरकार को झटका लगा है। सरकार ने नगर पालिकाओं और पंचायतों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) आरक्षण को बढ़ाकर 42 प्रतिशत किया था, जिस पर तेलंगाना हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी। इसके खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी। हालांकि, यहां से भी उसे निराशा हाथ ली।

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कोर्ट ने क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और संदीप मेहता की खंडपीठ ने गुरुवार को हाई कोर्ट के अंतरिम आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। पीठ ने कहा कि OBC आरक्षण में प्रस्तावित वृद्धि के बिना स्थानीय चुनाव जारी रह सकते हैं। यह आदेश मामले के गुण-दोष के आधार पर निर्णय लेने में हाई कोर्ट को प्रभावित नहीं करेगा। हाई कोर्ट ने 9 अक्टूबर को इस मुद्दे पर दायर याचिकाओं पर विचार कर आरक्षण वृद्धि पर रोक लगाई थी।

विवाद

क्या है मामला?

तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने 26 सितंबर, 2025 को 3 आदेश जारी किए थे, जिसमें से एक में स्थानीय निकायों में OBC वर्ग के लोगों को 42 प्रतिशत आरक्षण देने का आदेश दिया गया। दो अन्य आदेशों में तेलंगाना पंचायत राज अधिनियम, 2018 के तहत मंडल प्रजा परिषदों, जिला प्रजा परिषदों और ग्राम पंचायतों के चुनावों के संबंध में ऐसे आरक्षणों के निर्धारण हेतु दिशानिर्देश निर्धारित किए गए थे। इन आदेशों को चुनौती देते हुए कई याचिकाएं दायर हुई थीं।

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राज्य में आरक्षण 67 प्रतिशत हो जाता

राज्य सरकार ने अपनी याचिका में तर्क दिया था कि स्थानीय निकाय चुनावों के लिए OBC को 42 प्रतिशत आरक्षण देना, एक नीतिगत निर्णय है। इससे राज्य में OBC का कुल कोटा 67 प्रतिशत हो जाता। इसके खिलाफ याचिकाकर्ताओं ने कहा कि पिछड़े वर्गों को 42 प्रतिशत आरक्षण देने से स्थानीय निकायों में कुल आरक्षण 67 प्रतिशत हो जाता है। उन्होंने दावा किया कि यह न्यायालय द्वारा अपने फैसलों में निर्धारित 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा का उल्लंघन करता है।