शिवसेना सांसद संजय राउत को मानहानि मामले में 15 दिन की जेल, जमानत मिली
महाराष्ट्र में मुंबई की एक कोर्ट ने भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया की पत्नी मेधा सोमैया द्वारा दायर मानहानि के मामले में गुरुवार को राज्यसभा सांसद संजय राउत को दोषी ठहराया। मझगांव मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट 25वीं कोर्ट ने राउत को 15 दिन की कैद और 25,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। हालांकि, उन्हें तुरंत जमानत मिल गई। मेधा ने मामला तब दर्ज कराया था, जब राउत ने उनके खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाया था।
हाई कोर्ट में अपील करने का मिला मौका
कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद राउत के वकील ने सजा को निलंबित करने और जमानत के लिए 2 याचिकाएं दायर कीं थी, जिसे कोर्ट ने 15,000 रुपये के मुचलके पर मंजूर कर लिया है। कोर्ट ने सजा को 30 दिनों के लिए निलंबित किया है, जिससे राउत को मामले में हाई कोर्ट में अपील दायर करने का मौका मिल गया है। कोर्ट ने राउत को भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि) के तहत दोषी ठहराया था।
संजय राउत ने क्या की थी टिप्पणी?
शिवसेना (उद्धव ठाकरे) नेता राउत ने 12 अप्रैल, 2022 को शिवसेना के मुखपत्र सामना ऑनलाइन में लेख लिखकर आरोप लगाया कि मेधा ने मीरा भयंदर निगम के अधिकार क्षेत्र में सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण का ठेका पाने के लिए राजनीतिक शक्ति का इस्तेमाल कर 100 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार किया। इसके बाद सोमैया ने राउत के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराते हुए कहा कि लेख ने उनको मानसिक तनाव में डाल दिया और उनकी छवि भी धूमिल हुई।
पहले भी 102 दिन जेल में रहे हैं राउत
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 2022 में 31 जुलाई को राउत को हिरासत में लिया और अगले दिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया। केंद्रीय एजेंसी ने पात्रा चॉल घोटाले मामले में उनको गिरफ्तार किया था क्योंकि 2007 में गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी को पात्रा चॉल पुनर्निर्माण का ठेका मिला था, लेकिन कंपनी ने 14 साल तक कोई काम नहीं किया था। आरोप था कि कंपनी के एक निदेशक राउत का करीबी है। राउत को 102 दिन बाद नवंबर 2022 में जमानत मिली थी।