शिवसेना विवाद: ठाकरे गुट ने विधानसभा अध्यक्ष के सामने पेश किए ईमेल-चैट समेत ये सबूत
क्या है खबर?
विधानसभा में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट के विधायकों की अयोग्यता से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर इस मामले में सुनवाई कर रहे हैं।
सुनवाई में ठाकरे गुट ने शिवसेना पर दावे के लिए ईमेल, व्हाट्सऐप चैट और हलफनामे प्रस्तुत किए। इस दौरान शिंदे गुट के वकील महेश जेठमलानी ने ठाकरे गुट के विधायक और मुख्य सचेतक सुनील प्रभु से कई सवाल पूछे।
प्लस
क्या है पूरा मामला?
शिंदे ने पिछले साल जून में 40 विधायकों के साथ तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी और इससे शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस के गठबंधन वाली महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार गिर गई थी।
कई दिनों तक चले सियासी खींचतान के बाद शिंदे गुट ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली थी।
मामले में दोनों गुटों ने एक-दूसरे के गुट के विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए याचिका दाखिल की हुई है।
सबूत
पार्टी के चिन्ह को लेकर उद्धव गुट ने पेश किए 'सबूत'
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, उद्धव ठाकरे के गुट ने हलफनामे, चुनाव आयोग (ECI) को लिखे गए पत्र, राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक का प्रस्ताव, समाचार रिपोर्ट, ईमेल, स्क्रीनशॉट और व्हाट्सऐप संदेशों की तस्वीरों सहित कई साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं।
इनमें एक दस्तावेज 2013 से 2018 तक ठाकरे की शिवसेना के 'पार्टी प्रमुख' के रूप में नियुक्ति से जुड़ा है। इसमें कहा गया है कि ECI को एक आधिकारिक पत्र के माध्यम से नियुक्ति के बारे में सूचित किया गया था।
दावा
ठाकरे गुट का दावा- प्रतिनिधि सभा ठाकरे के पक्ष में
ठाकरे गुट ने दावा किया है कि पार्टी की प्रतिनिधि सभा के 13 में से 9 सदस्यों ने पार्टी प्रमुख के रूप में ठाकरे के पक्ष में मतदान किया था। इस संबंध में एक दस्तावेज भी पेश किया गया है।
बाद में सांसद गजानन कीर्तिकर, विधान परिषद की उपाध्यक्ष नीलम गोरे और सदस्य मनीषा कायंदे ने शिंदे को समर्थन दे दिया।
विधान परिषद चुनावों के बाद विधायकों को जारी किए गए व्हिप का स्क्रीनशॉट भी पेश किया गया है।
कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को लगाई थी फटकार
बता दें कि बागी विधायकों पर फैसला लेने में देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के स्पीकर को फटकार लगाई थी।
कोर्ट ने कहा था कि इस मामले को अनिश्चिचकाल के लिए नहीं टाला जा सकता और पुराने आदेश के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। कोर्ट ने आदेश दिया था कि स्पीकर 31 दिसंबर तक मामले की सुनवाई पूरी कर फैसला लें।
ठाकरे गुट के खिलाफ इसी तरह की याचिका शिंदे गुट ने भी दाखिल कर रखी है।