सैम पित्रोदा ने अपने बयान पर विवाद के बाद दिया ओवरसीज कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा
क्या है खबर?
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने क्षेत्रीय आधार पर लोगों को लेकर दिए बयान पर विवाद छिड़ने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी तत्काल प्रभाव से उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने खुद इस बाद की पुष्टि की है।
बता दें कि पित्रोदा ने पूर्व के लोगों को चीन जैसे दिखने वाला बताया था।
आइए मामले से जुड़ी पूरी खबर जानते हैं।
बयान
पित्रोदा ने क्या दिया था बयान?
सोशल मीडिया पर वायरल पित्रोदा के वीडियो में वह कह रहे हैं, "हम भारत जैसे विविधतापूर्ण देश को एक साथ रख सकते हैं, जहां पूर्व में लोग चीनी जैसे, पश्चिम में अरब जैसे, उत्तर में गोरे जैसे और दक्षिण में लोग अफ्रीकी जैसे दिखते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। हम सब भाई-बहन हैं।"
उन्होंने कहा, "भारत के लोग विभिन्न भाषाओं, धर्म, भोजन और रीति-रिवाजों का सम्मान करते हैं। भारत में मेरा विश्वास है, जहां सबके लिए जगह है।"
विवाद
बयान के बाद छिड़ा विवाद
पित्रोदा के बयान को लेकर राजनीतिक विवाद छिड़ गया। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा सहित विभिन्न भाजपा नेताओं ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए कांग्रेस से स्पष्टीकरण मांगा था।
इसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कड़े शब्दों में निंदा की थी।
कांग्रेस ने भी इस बयान से पल्ला झाड़ते हुए कहा था कि विविधता में एकता के विषय पर पित्रोदा का बयान दुर्भाग्यपूर्ण, अस्वीकार्य और पूरी तरह से गलत है। बाद में पित्रोदा ने इस्तीफा दे दिया।
पुष्टि
जयराम रमेश ने की इस्तीफे की पुष्टि
बयान पर बढ़ते विवाद को देखते हुए पित्रोदा ने शाम को अपना पद छोड़ने की की घोषणा करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे को इस्तीफा भेज दिया, जिसे तत्काल स्वीकार कर लिया गया।
इसको लेकर महासचिव रमेश ने एक्स पर लिखा, 'सैम पित्रोदा ने अपनी मर्ज़ी से इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने उनका इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया है।'
इतिहास
राजीव गांधी के सलाहकार रहे थे पित्रोदा
पित्रोदा वर्तमान में अमेरिका में रहते हैं और कांग्रेस की ओवरसीज ईकाई के अध्यक्ष पर काम कर रहे थे।
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सलाहकार के रूप में भी काम किया था।
साल 2004 के चुनाव में UPA की जीत के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पित्रोदा को भारत के राष्ट्रीय ज्ञान आयोग का प्रमुख बनने के लिए आमंत्रित किया था।
इसी तरह साल 2009 में वह सार्वजनिक सूचना बुनियादी ढांचे पर मनमोहन सिंह के सलाहकार बन गए।