राज्यसभा में कांग्रेस सांसद की सीट पर नोटों की गड्डी मिली, सभापति ने जांच बैठाई
क्या है खबर?
राज्यसभा में कांग्रेस सांसद की सीट से नोटों की गड्डी मिलने की बात सामने आने पर हंगामा शुरू हो गया। गड्डी मिलने की जानकारी सभापति जगदीप धनखड़ ने दी।
धनखड़ ने शुक्रवार को राज्यसभा में बताया कि गुरुवार को सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद सुरक्षा अधिकारियों ने नियमित जांच के दौरान सीट नबंर 222 से नोटों की गड्डी मिलने की जानकारी दी।
यह सीट तेलंगाना से निर्वाचित अभिषेक मनु सिंघवी की है। इसकी जांच हो रही है।
ट्विटर पोस्ट
जगदीप धनखड़ ने दी जानकारी
#WATCH | Rajya Sabha Chairman Jagdeep Dhankhar says, "I here by inform the members that during the routine anti-sabotage check of the chamber after the adjournment of the House yesterday. Apparently, a wad of currency notes was recovered by the security officials from seat number… pic.twitter.com/42GMz5CbL7
— ANI (@ANI) December 6, 2024
जवाब
अभिषेक मनु सिंघवी क्या बोले?
सिंघवी ने कहा, "मैं सुनकर हैरान हूं। मैं राज्यसभा जाता हूं तो 500 रुपये का नोट लेकर जाता हूं। मैं कल दोपहर 12:57 बजे सदन के अंदर पहुंचा। सदन दोपहर 1 बजे उठी। दोपहर 1 से 1:30 बजे तक मैं अयोध्या प्रसाद के साथ कैंटीन में बैठा और खाना खाया। तो कल मैं सदन में कुल 3 मिनट और कैंटीन में 30 मिनट रहा। मुझे यह अजीब लगता है कि ऐसे मुद्दों पर भी राजनीति होती है।"
प्रतिक्रिया
आगे क्या बोले सिंघवी?
सिंघवी ने आगे कहा, "बेशक इसकी जांच होनी चाहिए कि लोग कैसे किसी भी सीट पर आकर कुछ भी रख सकते हैं। इसका मतलब कि हर किसी के पास एक ऐसी सीट सीट होनी चाहिए, जिसे खुद बंद किया जा सके और चाबी सांसद अपने साथ ले जाए, क्योंकि कोई भी सीट पर बैठकर कुछ भी कर सकता है और आरोप लगा सकता है। अगर यह दुखद और गंभीर नहीं होता तो हास्यास्पद होता। मामले की तह तक पहुंचना चाहिए।"
हंगामा
सिंघवी का नाम लेने पर हंगामा
सभापति के जानकारी देने के बाद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने धनखड़ से कहा कि जब तक मामला जांच के अंदर है, उनको सांसद का नाम नहीं लेना चाहिए था।
इस बात पर सत्ता पक्ष के सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया, जिसके बाद खड़गे ने कहा कि ऐसा चिल्लर काम करके देश को बदनाम किया जा रहा है।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि यह गंभीर मुद्दा है, इसकी दोनों पक्षों को निंदा करनी चाहिए।