फिर खाली हाथ लौटी राजस्थान के बागी विधायकों को लेने हरियाणा पहुंची पुलिस की टीम
रविवार रात राजस्थान पुलिस की एक टीम हरियाणा के मानेसर स्थित उस रिजॉर्ट पर पहुंची, जहां सचिन पायलट का समर्थन कर रहे कांग्रेस के कुछ बागी विधायकों के ठहरे होने की खबर है। हालांकि उन्हें 'बेस्ट वेस्टर्न रिजॉर्ट' के गेट के अंदर दाखिल नहीं होने दिया गया और 20 मिनट के इंतजार के बाद उन्हें वापस लौटना पड़ा। पिछले तीन दिन में ये दूसरी बार हुआ था जब मानेसर पहुंची राजस्थान पुलिस की टीम को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा।
शुक्रवार शाम ITC भारत ग्रैंड से खाली हाथ लौटी थी टीम
इससे पहले शुक्रवार शाम को राजस्थान पुलिस का स्पेशल ऑपरेशन्स ग्रुप (SOG) मानेसर स्थित ITC भारत ग्रैंड पहुंचा था और उसे खाली हाथ लौटना पड़ा था। SOG यहां बागी विधायक भंवर लाल शर्मा का वॉइस सैंपल लेने आया था। पहले SOG को भी रिजॉर्ट के अंदर दाखिल नहीं होने दिया गया, लेकिन बाद में जब वह अंदर दाखिल हुई तो कोई भी बागी विधायक वहां नहीं मिला। SOG ने हरियाणा पुलिस पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया था।
पायलट की बगावत के बाद से ही रिजॉर्ट में ठहरे हैं बागी विधायक
बता दें कि सचिन पायलट की बगावत के बाद से उनके और उनके खेमे के 18 विधायकों के मानेसर के इन दो रिजॉर्ट में ठहरे होने की खबरें हैं। पायलट खेमे ने अपने साथ 30 विधायक होने का दावा किया था, लेकिन मौजूदा घटनाक्रम से लगता है कि उनके खेमे में 19 विधायक हैं। इन बागी विधायकों पर विधानसभा की सदस्यता रद्द होने का खतरा भी मंडरा रहा है और आज राजस्थान हाई कोर्ट में इस पर सुनवाई होनी है।
बागी विधायकों की सदस्यता पर निर्भर करता है गहलोत सरकार का भविष्य
बागी विधायकों की सदस्यता रद्द होना सीधे तौर पर गहलोत सरकार के भविष्य से जुड़ा है। अगर विधायकों की सदस्यता रद्द होती है तो विधानसभा का संख्याबल नीचे आ जाएगा और बहुमत परीक्षण की स्थिति में कांग्रेस आसानी से बहुमत साबित कर देगी। लेकिन अगर उनकी सदस्यता बरकरार रहती है और उन्हें बहुमत परीक्षण के दौरान वोट डालने का अधिकार मिलता है तो कांग्रेस के लिए अपनी सरकार बचाना बेहद मुश्किल होगा।
इस हफ्ते विधानसभा सत्र बुला सकते हैं गहलोत
इस बीच ये खबरें भी आ रही हैं कि गहलोत इस हफ्ते विधानसभा सत्र बुला सकते हैं और अपना बहुमत साबित करने के लिए इसमें बहुमत परीक्षण कर सकते हैं। हालांकि इस मुद्दे पर कोई भी अंतिम फैसला लेने से पहले कांग्रेस बागी विधायकों के भविष्य पर हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रही है। गहलोत निर्दलीयों समेत अपने पक्ष में 109 विधायक होने का दावा कर रहे हैं, जो बहुमत के आंकड़े 101 से अधिक है।
बगावत से पहले ऐसी थी विधानसभा की स्थिति
बगावत से पहले 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के 107 विधायक थे और उसकी सरकार को 13 निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल था। इसके अलावा राष्ट्रीय लोकदल और भारतीय ट्राइबल पार्टी के तीन विधायकों ने भी गहलोत सरकार को समर्थन दिया हुआ था। इसका मतलब गहलोत सरकार को कुल 123 विधायकों का समर्थन हासिल था। वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के विधानसभा में 72 विधायक हैं। भाजपा की सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीन विधायक हैं।