राजस्थान में आज मंत्रिमंडल का विस्तार, विधायक बने सांसदों समेत इन्हें मिल सकता है मौका
क्या है खबर?
राजस्थान में भाजपा की नई सरकार के सत्ता में आने के 28 दिन बाद आज मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण होने जा रहा है। दोपहर 3:15 बजे राजभवन में यह कार्यक्रम होगा।
इसमें करीब 22 से 25 मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है वहीं सांसदी छोड़कर विधायक का चुनाव लड़े 3 नेताओं को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।
करीब 500 मेहमानों को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का निमंत्रण भेजा गया है।
जगह
किन्हें मिल सकती है मंत्रिमंडल में जगह?
सबसे मजबूत दावेदारों में डॉक्टर किरोड़ीलाल मीणा, अनिता भदेल, ओटाराम देवासी, गुरवीर सिंह, जगत सिंह, जवाहर सिंह बेडम, बाबा बालकनाथ, जसवंत सिंह, जोगाराम पटेल, झाबर सिंह खर्रा, प्रताप भील, फूल सिंह मीणा, बाबू सिंह राठौड़, भागचंद टेकड़ा, मदन दिलावर, शंकर डेचा, हरलाल सहारण और विश्वनाथ मेघवाल शामिल हैं।
इनमें किरोड़ीलाल, भदेल, बाबू राठौड़, दिलावर, ओटाराम और जसवंत सिंह पहले भी मंत्री रह चुके हैं। इस संबंध में कल मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा दिल्ली में भाजपा आलाकमान से मिले हैं।
समीकरण
जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों का रखा जाएगा ध्यान
मंत्रिमंडल विस्तार में जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
वर्तमान में मुख्यमंत्री के रूप में एक ब्राह्मण चेहरा है, जबकि उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा क्रमशः राजपूत और अनुसूचित जाति से हैं।
राजस्थान में प्रभाव रखने वाली प्रमुख जातियों में जाट, मीना और गुर्जर समुदाय को भी जगह मिलना तय माना जा रहा है। आदिवासी, दलित और महिलाओं को भी प्राथमिकता मिल सकती है।
सांसद
सांसद से विधायक बने 3 नेताओं को जगह मिलना लगभग तय
मंत्रिमंडल में 3 प्रमुख दावेदार झोटवाड़ा सीट से राज्यवर्धन सिंह राठौड़, सवाई माधोपुर सीट से किरोड़ी लाल मीणा और तिजारा सीट से बाबा बालक नाथ हैं। ये तीनों पहले सांसद रह चुके हैं।
अब पार्टी ने इन्हें विधानसभा चुनाव में उतारा था। इनमें से 2 को तो मुख्यमंत्री पद का दावेदार भी माना जा रहा था। फिलहाल तीनों ने सांसदी से इस्तीफा दे दिया है। बालक नाथ को तो 'राजस्थान का योगी' भी कहा जाता है।
विपक्ष
मंत्रिमंडल गठन में देरी पर विपक्ष ने उठाए सवाल
राजस्थान में मंत्रिमंडल गठन में हो रही देरी पर विपक्ष ने निशाना साधा है।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था, "मंत्रिमंडल गठन में देरी के कारण शासन व्यवस्था ठप हो गई है। अब जनता में निराशा फैलने लगी है, क्योंकि राजस्थान की जनता ने 3 दिसंबर को भाजपा को स्पष्ट जनादेश दिया, लेकिन 22 दिन बीत जाने के बाद भी मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो सका है। हर विभाग असमंजस की स्थिति में है।"
भाजपा
भाजपा ने जीती हैं 115 सीटें
राज्य की 200 में से 199 सीटों पर 25 नवंबर को मतदान हुआ था। 3 दिसंबर को आए नतीजों में भाजपा ने 115 सीटें जीतकर सरकार बनाई।
गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस को उम्मीद से कम केवल 69 सीटों पर ही जीत मिली और वो सत्ता से बाहर हो गई।
15 दिसंबर को भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ दीया कुमारी व प्रेमचंद बैरवा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था।