राजस्थान: पुलवामा शहीद की पत्नी से मिलने जा रहे सांसद किरोड़ी लाल पुलिस कार्रवाई में घायल
राजस्थान के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा कथित तौर पर पुलिस झड़प में घायल हो गए हैं। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वे पुलवामा हमले में शहीद हुए सैनिकों की पत्नियों से मिलने जा रहे थे। तभी उन्होंने पुलिस ने रोक लिया। इस दौरान कथित तौर पर झड़प भी हुई, जिसमें सांसद घायल हो गए। वहीं, भाजपा ने इस मामले में पूरे राज्य में प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
भाजपा ने दी आंदोलन की चेतावनी
भाजपा ने सांसद किरोड़ी लाल मीणा की गिरफ्तारी और कथित हमले के खिलाफ पूरे प्रदेश में प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। भाजपा नेता राजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि सांसद के समर्थकोंं को हिरासत में लेना दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा पूरे मामले को लेकर आंदोलन करेगी। जयपुर समेत प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन किया जाएगा। सांसद की गिरफ्तारी के वक्त भी उनके समर्थकों ने जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग और लालसोट-दौसा राजमार्ग पर चक्काजाम किया था।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए तीन जवानों की पत्नियां करीब एक हफ्ते से धरने पर बैठी थीं। उनकी मांग है कि नियमों में बदलाव कर उनकी बच्चों की जगह किसी रिश्तेदार को नौकरी दी जाए। इसके अलावा भी वे कई मांगों को लेकर धरना दे रही थीं। वहीं, सरकार का कहना है कि शहीदों की पत्नियों को नियमों के तहत जो कुछ दिया जा सकता था, वो दिया जा चुका है।
शहीद की पत्नी से मिलने जा रहे थे सांसद
सांसद मीणा पुलवामा हमले में शहीद हुए रोहताश लांबा की पत्नी से मिलने अमरसर जा रहे थे। इस दौरान पुलिस ने मीणा और उनके समर्थकों को आगे जाने से रोक दिया था। इस्से गुस्साए समर्थकों की पुलिस से बहस भी हो गई थी। बाद में पुलिस सांसद को जबरन गाड़ी में बैठाकर अपने साथ ले गई। पुलिस हिरासत में तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें गोविंदगढ़ के अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मीणा ने पुलिस पर लगाया बदसलूकी का आरोप
सांसद के समर्थकों ने पुलिस पर बदसलूकी का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी गिरेबान पकड़ी गई, जैसे किसी अपराधी की पकड़ी जाती है। वहीं, मीणा ने पुलिस पर जान से मारने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'पुलिस ने मुझे मारने की कोशिश की, लेकिन वीरांगनाओं, युवा, बेरोजगारों और गरीबों के आशीर्वाद से बच गया। मुझे चोट आई है। गोविंदगढ़ अस्पताल से मुझे जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल रेफर किया गया है।'
मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का क्या कहना है?
मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर सवाल पूछा कि क्या शहीद के बच्चों का हक किसी और को देना ठीक है। उन्होंने ये भी कहा कि शहीदों की पत्नियों की सभी मांगे जायज नहीं है। उन्होंने कहा, "अगर नौकरियां शहीद के रिश्तेदारों को दी जाएंगी तो जब शहीद के बच्चे बड़े होंगे, उनका क्या होगा। क्या उनके अधिकारों को कुचलना उचित है। शायद इस तरह की व्यवस्था देश की किसी दूसरे राज्य में भी नहीं है।"
पुलिस ने रातोंरात खत्म करा दिया था धरना
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरुवार रात पुलिस ने शहीद की पत्नियों के धरने को अचानक से खत्म करवा दिया था। दरअसल, बारिश से बचने के लिए धरना दे रहे लोग सचिन पायलट के घर के सामने एक निर्माणाधीन मकान में चले गए थे। तभी कुछ पुलिसकर्मी वहां पहुंचे और धरना दे रहे लोगों को एम्बुलेंस में बैठाकर धरना स्थल से रवाना कर दिया। उनके समर्थकों को गिरफ्तार भी किया गया।