
नेपाल के रास्ते आ रही चीनी किशमिश ने किसानों की कमर तोड़ी, संसद में उठा मुद्दा
क्या है खबर?
नेपाल के रास्ते आ रही चीन की किशमिश के भारत के किसानों को नुकसान हो रहा है। यह मुद्दा बुधवार को लोकसभा में उठाया गया है। महाराष्ट्र के सांगली से निर्दलीय सांसद विशालदादा प्रकाशबाबू पाटिल ने शून्यकाल के दौरान कहा कि उनके इलाके में अंगूर की खेती ज्यादा होती है और उसी से किशमिश भी बनती है। उन्होंने कहा कि किशमिश से किसानों को आमदनी है, लेकिन चीन से आ रही अवैध किशमिश से किसान काफी नुकसान उठा रहे हैं।
नुकसान
अवैध तस्करी के कारण गिर रहे किशमिश के दाम
पाटिल ने कहा कि चीन में अंगूर की खेती होती है, जिससे किशमिश तैयार हो रहा है। उसे गैर-कानूनी तरीके से नेपाल के रास्ते भारत भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे किशमिश के दाम बाजार में गिर रहे हैं और किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि पहले किसानों को किशमिश बाहर भेजने पर कुछ सब्सिडी मिलती थी, जो बंद है। पाटिल ने सब्सिडी शुरू करने और गैर-कानूनी तस्करी बंद करने की मांग की है।
उत्पादन
महाराष्ट्र में होता है सबसे ज्यादा उत्पादन
किशमिश भारत में सबसे अधिक महाराष्ट्र के नासिक, सांगली और सोलापुर के अलावा कर्नाटक के बीजापुर में होता है। इसके अलावा तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में भी उत्पादन होता है। अकेले महाराष्ट्र में देश के कुल किशमिश उत्पादन का लगभग 75 प्रतिशत है। भारत के अलावा तुर्की और अमेरिका शीर्ष उत्पादक देश हैं। भारत 190 देशों को किशमिश निर्यात करता है। भारत में 1 टन किशमिश बनाने के लिए 4 टन अंगूर लगता है।