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'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तानी गोलाबारी में अनाथ हुए 22 बच्चों को 'गोद' लेंगे राहुल गांधी
राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर के 22 बच्चों को गोद लेंगे (फाइल तस्वीर)

'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तानी गोलाबारी में अनाथ हुए 22 बच्चों को 'गोद' लेंगे राहुल गांधी

लेखन गजेंद्र
Jul 29, 2025
10:01 am

क्या है खबर?

कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान पाकिस्तानी गोलाबारी में अपनों को खोने वाले 22 बच्चों की शिक्षा का जिम्मा लेंगे। यह जानकारी जम्मू-कश्मीर कांग्रेस प्रमुख तारिक हामिद कर्रा ने दी है। उन्होंने बताया कि राहुल ने पुंछ के उन 22 बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाने का फैसला किया है, जिन्होंने पाकिस्तानी गोलाबारी में अपने अभिभावक या परिवार के एकमात्र कमाने वाले को खो दिया है।

मदद

मई में जारी होगी पहली किस्त

इंडियन एक्सप्रेस ने कर्रा के हवाले से बताया कि बच्चों के लिए सहायता की पहली किस्त बुधवार को जारी होगी ताकि बच्चे अपनी पढ़ाई जारी रख सकें। उन्होंने बताया कि बच्चों के लिए राहुल की यह सहायता इनके स्नातक होने तक जारी रहेगी। राहुल ने मई में पुंछ दौरे के दौरान स्थानीय नेताओं से ऐसे बच्चों की सूची तैयार करने को कहा था। पार्टी नेताओं ने सर्वेक्षण और सरकारी रिकॉर्ड की जांच के बाद बच्चों के नाम तय किए हैं।

प्रभाव

पुंछ में सबसे अधिक प्रभावित लोग

भारत-पाकिस्तान तनाव के समय जम्मू-कश्मीर का पुंछ शहर सीमा पार गोलाबारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था। यहां एक धार्मिक स्कूल जिया उल अलूम पर गोलीबारी से 6 बच्चे घायल हुए थे। पीड़ितों में एक बच्चे विहान भार्गव की छर्रे लगने से मौत हो गई थी। राहुल ने क्राइस्ट पब्लिक स्कूल का भी दौरा किया था, जहां 12 साल के जुड़वां बच्चे उरबा फातिमा और जैन अली भी हताहत हुए थे। उन्होंने बच्चों से खूब पढ़ने को कहा था।

हमला

22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद शुरू हुई थी जंग

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को पाकिस्तानी आतंकियों ने अचानक हमला कर 26 निर्दोष पुरुष पर्यटकों का धर्म पूछकर गोली मार दी थी। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान से राजनयिक रिश्ते तोड़ लिए और सिंधु जल समझौता रद्द कर दिया। भारतीय सेना ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू कर पाकिस्तान के अंदर 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। इसके बाद पाकिस्तान ने भी गोलाबारी की। पाकिस्तान ने अपने नुकसान के बाद 10 मई को युद्धविराम की पेशकश की।