राहुल गांधी ने कहा- लॉकडाउन विफल रहा, अब आगे की रणनीति बताए सरकार
क्या है खबर?
मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाया गया लॉकडाउन विफल साबित हुआ है और मामले लगातार बढ़ रहे हैं। राहुल ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि उसकी आगे की रणनीति क्या है।
उन्होंने कहा कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जो तब लॉकडाउन खत्म कर रहा है जब बीमारी बढ़ रही है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस
राहुल बोले- प्रधानमंत्री ने कहा था 21 दिन में जंग जीतेंगे
लॉकडाउन के दौर में चौथी प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "दो महीने पहले लॉकडाउन लागू करते समय प्रधानमंत्री ने कहा था कि 21 दिनों में कोरोना के खिलाफ जंग जीतेंगे। आज 60 से ज्यादा दिन बीत चुके हैं और रोज मरीजों की संख्या जबरदस्त तेजी से बढ़ रही है। लॉकडाउन इस वायरस को हरा नहीं पाया है। मेरा सरकार से सीधा सवाल है- अब आगे क्या योजना है?"
सलाह
फ्रंट फुट पर आकर खेले प्रधानमंत्री- राहुल
राहुल ने कहा कि सरकार की उम्मीद के विपरीत संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री और उनके प्रमुख सलाहकारों ने कहा था कि मई के आखिर तक कोरोना वायरस का असर घटने लगेगा, लेकिन आंकड़े दर्शाते हैं कि ऐसा नहीं हुआ है।"
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री पहले फ्रंट फुट पर खेल रहे थे, लेकिन लॉकडाउन विफल हुआ तो बैकफुट पर चले गए। उन्हें फिर से फ्रंट फुट पर आना चाहिए।"
सवाल
राहुल ने सरकार से पूछा- आगे क्या?
सवाल पूछते हुए राहुल ने कहा, "लॉकडाउन के चारों चरण विफल हो चुके हैं। ऐसे में मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि आगे के लिए उसकी क्या रणनीति है। मजदूरों के लिए क्या व्यवस्था है, MSME को कैसे खड़ा करेंगे?"
आर्थिक पैकेज पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री ने कहा था कि GDP का 10 प्रतिशत पैकेज के रूप में दिया है, लेकिन असलीयत में एक प्रतिशत ही मिला है। लोगों को कोई कैश नहीं दिया गया।"
मजदूरों पर बयान
"मजदूरों का भरोसा टूट गया है"
प्रवासी मजदूरों के साथ अपनी मुलाकात पर राहुल ने कहा, "वे निराश हैं। उन्हें अकेला छोड़ दिया गया है। जब मैं उनसे मिला तो कुछ ने कहा कि हमारा भरोसा टूट गया। मुझे किसी के मुंह से यह सुनना पसंद नहीं, चाहे अमीर हो या गरीब। किसी को भी अपना भरोसा खोना नहीं चाहिए। सरकार अभी भी उनकी मदद कर सकती है। मजदूरों को हर महीने 7,500 रुपये दिए जाने चाहिए।"
बेरोजगारी
कोरोना वायरस ने बढ़ाई बेरोजगारी की समस्या- राहुल
बढ़ती बेरोजगारी पर राहुल ने कहा, "बेरोजगारी की समस्या कोरोना वायरस की वजह से नहीं आई है। वह पहले से चली आ रही थी। अब इस पूरी समस्या में एक नया एलिमेंट जुड़ गया है। कारोबार बंद हो गए, कई सारे मझोले उद्योग बंद होने जा रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि इसी कारण वे छोटे उद्योगों को पैसा देने की डिमांड कर रहे हैं और अगर ऐसा नहीं किया जाता तो ये आत्मघाती होगा।