
'ऑपरेशन सिंदूर' पर बहस में राहुल गांधी बोले- हमने केवल 30 मिनट में आत्मसर्पण कर दिया
क्या है खबर?
संसद के मानसून सत्र में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चल रही बहस में मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भारत ने ऑपरेश की शुरुआत के 30 मिनट बाद ही पाकिस्तान के सामने आत्मसर्पण कर दिया। इसके पीछे वायुसेना की कमी नहीं थी, बल्कि राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी थी। भारत ने पाकिस्तान को बताया कि वह अब और तनाव नहीं बढ़ाना चाहता है। आइए जानते हैं राहुल ने क्या कुछ कहा।
आरोप
सरकार ने बांध दिए पायलटों की हाथ- राहुल
राहुल ने कहा, "भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान पर हमला तो कर दिया, लेकिन सरकार ने हमारे पायलटों से कहा कि वे उनकी वायु रक्षा प्रणाली पर हमला न करें। मतलब आपने पायलटों के हाथ पीछे बांध दिए। इसमें भारतीय वायुसेना ने कोई गलती नहीं की। गलती राजनीतिक नेतृत्व ने की क्योंकि वायुसेना के हाथ बांध दिए गए थे।" उन्होंने कहा, "भारत के DGMO को सरकार ने 1:35 बजे ही युद्धविराम के लिए कहने को कह दिया था।"
सूचना
भारत ने हमले के 30 मिनट बाद पाकिस्तान को दे दी सूचना- राहुल
राहुल ने कहा, "कल्पना कीजिए, दो लोग लड़ रहे हैं और एक हमला करता है और फिर कहता है देखो मैंने तुम्हें मारा है और अब आगे मत बढ़ो। इस तरह आपने पाकिस्तान को दिखा दिया कि आपकी राजनीतिक इच्छाशक्ति ही नहीं है। जबकि सेना का जवान लड़ने-मरने के लिए तैयार रहता है।" उन्होंने कहा, "भारत ने 30 मिनट में तुरंत आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने पाकिस्तानियों से कहा है कि हम किसी भी सैन्य ढांचे पर हमला नहीं करेंगे।"
जानकारी
'ऑपरेशन सिंदूर' से पहले ही विपक्ष सरकार के साथ खड़ा था
राहुल ने कहा, "पहलगाम हमले की हर किसी ने निंदा की है। 'ऑपरेशन सिंदूर' से पहले ही विपक्ष सरकार और सेना के साथ खड़ा हो गया था। विपक्ष के नाते हम एकजुट होकर सरकार के साथ थे। मैं मृतकों के घर भी गया था।"
आलोचना
राहुल ने की राजनाथ सिंह के बयान की आलोचना
राहुल ने कहा, "रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 1971 की तुलना 'ऑपरेशन सिंदूर' से की। उस वक्त इंदिरा गांधी में राजनीतिक इच्छाशक्ति थी। हमने अमेरिका की नहीं सुनी। इंदिरा गांधी ने जनरल मानेक शॉ को आजादी दी। तब एक लाख पाकिस्तान सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया और एक नया देश बना।" उन्होंने कहा, "राजनाथ सिंह ने भारत की योजनाओं का खुलासा क्यों किया। ऐसा करके भारत ने पाकिस्तान को बता दिया कि उसके पास राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव है।"
जानकारी
राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी से खोए विमान
राहुल ने कहा, "हमने विमान इसलिए खोए कि हमारी राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं थी। जरूरी सवाल है कि जेट गिरे क्यों? भारतीय वायुसेना ने कोई गलती नहीं की। गलती राजनीतिक नेतृत्व ने की क्योंकि वायुसेना के हाथ बांध दिए गए थे।"
चुनौती
"प्रधानमंत्री मोदी में हिम्मत है तो बोले"
राहुल ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि बचाना चाहती थी। डोनाल्ड ट्रंप ने 29बार कहा कि मैंने संघर्ष विराम कराया है। अगर यह झूठ है तो प्रधानमंत्री मोदी यहां बोलें कि ट्रंप झूठ बोल रहे हैं। उनमें हिम्मत हैं तो वो यह बोल देंगे।" उन्होंने कहा, "पहलगाम के बाद एक भी देश ने पाकिस्तान की निंदा नहीं की है। सभी ने आतंकवाद की निंदा की है। सभी ने हमें पाकिस्तान के समकक्ष रखा है।"
निशाना
राहुल ने विदेश मंत्री पर भी साधा निशाना
राहुल ने कहा, "विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री कहते हैं कि हमने पाकिस्तान को रोका है, लेकिन पाकिस्तान का जनरल असीम मुनीर अमेरिका में लंच कर रहा है। इस पर प्रधानमंत्री ने कुछ भी नहीं कहा।" उन्होंने कहा, "ट्रंप कह रहे थे कि उन्होंने मुनीर को धन्यवाद करने के लिए बुलाया है क्योंकि उन्होंने अमेरिका के कहने पर युद्ध को रोक दिया था। आतंकवाद के जिम्मेदार को ट्रंप ने बुलाया। यह सरकार का नॉर्मल है।"
एकजुटता
चीन और पाकिस्तान एक हो गए हैं- राहुल
राहुल ने कहा, "हमारी विदेश नीति में दिवालियापन आ गया है। कल रक्षा मंत्री ने एक बार भी चीन का नाम नहीं लिया। सरकार डर चुकी है। चीन और पाकिस्तान एक हो गए हैं और यह खतरों से भरा समय है।" उन्होंने कहा, "हम ऐसे प्रधानमंत्री को नहीं चाहते हैं जिसमें यह कहने का साहस न हो कि ट्रंप ने मध्यस्थता नहीं की। जिसने सेना को रोक दिया। ऐसा न हो कि भारत की छवि युद्ध भूमि में बदल जाए।"