राहुल गांधी की प्रधानमंत्री मोदी को भ्रष्टाचार पर बहस की चुनौती, दिए ये तीन मुद्दे

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुली बहस की चुनौती दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी भ्रष्टाचार पर बहस करने से डर रहे हैं और वह उन्हें 3 मुद्दे दे रहे हैं जिन पर वह बहस कर सकते हैं। यह पहली बार नहीं है जब राहुल ने मोदी को बहस की चुनौती दी है और इससे पहले भी इस चुनावी मौसम में उन्हें बहस की चुनौती दे चुके हैं।
राहुल ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री मोदी को यह चुनौती दी। उन्होंने लिखा, "प्रिय प्रधानमंत्री, भ्रष्टाचार पर मुझसे बहस करने से डर लग रहा है? मैं इसे आपके लिए आसान कर सकता हूं। चलिए आपको पहले ही मुद्दे बता देता हूं ताकि आप तैयारी कर सकें। 1. राफेल और अनिल अंबानी, 2. नीरव मोदी, 3. अमित शाह और नोटबंदी।" इन तीनों ही मुद्दों पर राहुल प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा सरकार पर हमलावर रहे हैं।
Dear PM,
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 9, 2019
Scared of debating me on corruption? I can make it easier for you.
Let’s go open book, so you can prepare:
1. RAFALE+Anil Ambani
2. Nirav Modi
3. Amit Shah+Demonetisation #Scared2Debate
राफेल सौदे को लेकर राहुल बेहद आक्रामक रहे हैं और उन्होंने मामले में सीधे प्रधानमंत्री मोदी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उनका आरोप है कि प्रधानमंत्री ने सौदे में फ्रांस सरकार से समानांतर बातचीत चलाई और कारोबारी अनिल अंबानी को 30,000 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट दिलाने में मुख्य किरदार निभाया। बता दें कि मोदी सरकार के 36 राफेल विमानों की खरीद के सौदे में सरकारी कंपनी HAL को हटाकर अंबानी की कंपनी को शामिल किया गया है।
इसके अलावा राहुल 13,000 करोड़ के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के मुख्य आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के देश से भागने में सफल रहने पर भी सवाल उठाते रहे हैं। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नीरव मोदी और चोकसी को 'भाई' कहकर संबोधित करते हैं और भाजपा सरकार इन दोनों आरोपियों पर नरम रही है। वहीं, मोदी ने जवाब में आरोप लगाया था कि यह घोटाला कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार रोकने में नाकामयाब रहने के कारण हुआ।
बहस का तीसरा मुद्दा नोटबंदी है और यह भाजपा और कांग्रेस का टकराव का एक बड़ा मुद्दा रहा है। राहुल नोटबंदी को एक बड़ा घोटाला बताते हैं और अमित शाह से संबंध रखने वाली एक सहकारी बैंक की भूमिका पर सवाल उठाते रहे हैं। उनका आरोप है कि मोदी के करीबियों को पहले से फैसले की जानकारी थी और उन्होंने पहले ही अपना कालाधन सफेद कर लिया। वहीं, मोदी का कहना है कि देशहित के लिए नोटबंदी बेहद जरूरी थी।