
अमेठी से चुनाव लड़ सकते हैं राहुल गांधी, कांग्रेस को जीत की उम्मीद- रिपोर्ट
क्या है खबर?
लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से ही यह सवाल उठ रहा है कि क्या कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर अमेठी से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को चुनौती देंगे।
कांग्रेस ने अभी तक अमेठी से अपने उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है, इसलिए अटकलें लगाई जा रही थीं कि राहुल शायद इस बार अमेठी से चुनाव नहीं लड़ेंगे।
हालांकि, अब ऐसे संकेत मिले हैं, जिनसे लगता है कि अमेठी में एक बार फिर राहुल बनाम स्मृति होगा।
रिपोर्ट
आंतरिक सर्वे में सामने आई राहुल के लड़ने पर अमेठी जीतने की बात
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, अमेठी के कांग्रेस कार्यकर्ता की मांग है कि पार्टी को यहां से राहुल गांधी को ही यहां से मैदान में उतारना चाहिए और उनकी जीतने की संभावना काफी अधिक है।
कांग्रेस के आंतरिक सर्वे में भी राहुल के लड़ने पर पार्टी के अमेठी जीतने का संकेत मिला है।
एक कांग्रेस नेता ने कहा कि आंतरिक सर्वे में राहुल के जीतने की 80 प्रतिशत संभावना जताई गई है क्योंकि लोग मौजूदा सांसद से नाराज हैं।
अन्य उम्मीदवार
इसलिए किसी अन्य नेता को नहीं उतार सकती कांग्रेस
एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने कहा कि राहुल से अमेठी के लोगों का भावनात्मक लगाव है और अगर उनकी जगह कोई और यहां से उम्मीदवार बना तो यह चुनाव कांग्रेस बनाम स्मृति ईरानी की जगह पार्टी की आंतरिक कलह में बदल जाएगा।
बता दें कि कुछ समय पहले तक अटकलें लगाई जा रही थीं कि कांग्रेस अपनी सोशल मीडिया प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत को अमेठी से उतार सकती है। हालांकि, स्थानीय इकाई और कार्यकर्ताओं ने इसका कड़ा विरोध किया था।
कारण
अमेठी से राहुल की उम्मीदवारी घोषित करने में क्यों हो रही देरी?
इसके 2 कारण हैं। पहला, कांग्रेस रणनीतिक रूप से समय बर्बाद कर रही है, ताकि ईरानी को थकाया जा सके और ऐन मौके पर राहुल को उम्मीदवार बनाया जाए।
दूसरा, राहुल वायनाड से भी चुनाव लड़ रहे हैं। अगर अभी उन्हें अमेठी से भी उम्मीदवार घोषित किया जाता है तो इसका वायनाड में गलत संकेत जाएगा, जिससे उन्हें नुकसान हो सकता है।
वायनाड में 26 अप्रैल को वोटिंग है, जिसके बाद अमेठी से राहुल की उम्मीदवारी घोषित हो सकती है।
मुकाबला
अमेठी में 2 बार हो चुका है राहुल और ईरानी का मुकाबला
बता दें कि अमेठी में राहुल और भाजपा की उम्मीदवार स्मृति ईरानी के बीच 2 बार मुकाबला हो चुका है।
सबसे पहली बार 2014 लोकसभा चुनाव में दोनों का मुकाबला हुआ था, जिसमें राहुल ने ईरानी को एक लाख से अधिक वोटों से हराया था।
2019 लोकसभा चुनाव में ईरानी ने इस हार का बदला चुकता करते हुए राहुल को 50,000 से अधिक वोटों से हराया था।
जानकारी
गांधी परिवार का गढ़ रहा है अमेठी
बता दें कि अमेठी गांधी परिवार का गढ़ रहा है। 2019 में हार से पहले राहुल 2004 से यहां लगातार जीत रहे थे। इससे पहले उनके पिता राजीव गांधी और संजय गांधी भी यहां से सांसद रहे हैं।