Page Loader
प्रियंका गांधी और सपा सहयोगी जयंत चौधरी की हुई मुलाकात, सियासी अटकलें तेज
प्रियंका गांधी और जयंत चौधरी की मुलाकात

प्रियंका गांधी और सपा सहयोगी जयंत चौधरी की हुई मुलाकात, सियासी अटकलें तेज

Nov 02, 2021
05:30 pm

क्या है खबर?

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की राष्ट्रीय लोकदल (RLD) जयंत चौधरी के साथ मुलाकात ने उत्तर प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ा दी हैं। दोनों नेता आज लखनऊ एयरपोर्ट पर मिले और इसके बाद छत्तीसगढ़ सरकार के एक चार्टर्ड प्लेन में बैठकर दिल्ली के लिए रवाना हुए। जयंत की पार्टी आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के सथ गठबंधन कर चुकी है, ऐसे में इस मुलाकात को लेकर तमाम अटकलें लगाई जा रही हैं।

मुलाकात

एक ही समय पर एयरपोर्ट पहुंचे थे दोनों नेता

NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, प्रियंका गोरखपुर में 'प्रतिज्ञा रैली' को संबोधित करने के बाद दिल्ली जाने के लिए लखनऊ एयरपोर्ट पहुंची थीं और इसी दौरान जयंत भी एयरपोर्ट पहुंच गए। एक RLD नेता ने घटनाक्रम बताते हुए कहा कि प्रियंका ने जयंत को अपने साथ चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली चलने को कहा और उनकी फ्लाइट लेट होने के कारण जयंत को न चाहकर भी ऐसा करना पड़ा। उन्होंने इस मुलाकात को महज एक शिष्टाचार भेंट बताया है।

बयान

RLD नेता ने वेटिंग रूम में अखिलेश को भी देखा

RLD नेता ने बताया कि उन्होंने जयंत और प्रियंका के निकलते समय सपा प्रमुख अखिलेश को भी एयरपोर्ट के वेटिंग रूम में देखा। हालांकि उन्होंने साफ किया कि उन्हें नहीं पता कि तीनों नेताओं की मुलाकात हुई या नहीं।

अटकलें

क्या ज्यादा सीट हासिल करने के लिए अखिलेश पर दबाव बढ़ा रहे हैं जयंत?

जयंत और प्रियंका की इस मुलाकात के बाद उनके बीच कोई खिचड़ी पकने की अटकलें तेज हो गई हैं। इसे जयंत के ज्यादा सीट हासिल करने के लिए सपा पर दबाव बढ़ाने के प्रयास के तौर पर भी देखा जा रहा है। RLD के उत्तर प्रदेश प्रमुख मसूद अहमद ने इन अटकलों पर कहा कि सपा के साथ RLD का गठबंधन पक्का है और सीट समझौते के लिए बातचीत जारी है। उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों में वैचारिक समानता है।

अटकलें

हालिया समय में साथ नहीं देखे गए हैं अखिलेश और जयंत

बता दें कि कल अखिलेश भी RLD के साथ गठबंधन पक्का होने का ऐलान कर चुके हैं और अभी सीटों के बंटवारे पर बातचीत चल रही है। दोनों पार्टियों ने इस साल मार्च में ही गठबंधन का ऐलान कर दिया था, हालांकि हालिया समय में अखिलेश और जयंत को साथ नहीं देखा गया है और इसी कारण दोनों के बीच सब कुछ ठीक न होने की आशंका जताई जा रही है।

अहमियत

कितनी अहम है जयंत की RLD?

RLD पश्चिमी उत्तर प्रदेश की एक बड़ी क्षेत्रीय पार्टी है और उसकी जाट और किसान वोटों पर अच्छी पकड़ है। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में RLD एक भी सीट नहीं जीत पाई थी, लेकिन किसान आंदोलन ने उसमें नई जान फूंक दी है। क्षेत्र के 13 जिलों की लगभग 30 सीटों पर पार्टी निर्णायक भूमिका निभा सकती है और गठबंधन के जरिए अखिलेश का लक्ष्य जाटों और मुस्लिमों को एक साथ लाना है।