महाराष्ट्र: भाजपा विधायक गणपत गायकवाड ने शिवसेना नेता को क्यों मारी गोली? सामने आई वजह
महाराष्ट्र के ठाणे में 2 फरवरी को भाजपा विधायक गणपत गायकवाड ने शिवसेना नेता महेश गायकवाड पर पुलिस थाने के अंदर गोली चला दी थी। घटना में महेश गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिनका अस्पताल में इलाज जारी है। दूसरी ओर गणपत को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। थाने के अंदर हुई इस घटना का वीडियो खूब वायरल हुआ था। अब इस गोलीकांड की वजह सामने आई है।
दोनों के बीच चल रहा था संपत्ति विवाद
दोनों नेताओं के बीच लंबे समय से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। घटना वाले दिन गणपत के साथी द्वारली गांव में एक जमीन पर कब्जा ले रहे थे। इस दौरान उनकी महेश के लोगों से कहासुनी भी हुई थी। ये जमीन प्रमोद नामक शख्स की है, जिसे 1996 में जाधव परिवार से खरीदा गया था। जिस शख्स ने ये जमीन बेची थी, उसकी मौत के बाद जाधव परिवार ने ये जमीन दोबारा जहीर नामक शख्स को बेच दी।
गणपत के पक्ष में आई थी विवादित जमीन
इस विवादित जमीन के मामले की सुनवाई कोंकण भूमि आयुक्त द्वारा की जा रही थी। 29 जनवरी को उन्होंने प्रमोद और गणपत के पक्ष में फैसला सुनाया था। इसके बाद गणपत जमीन पर टीन चद्दर और तार लगा रहे थे, तभी महेश वहां पहुंचे और दोनों के बीच विवाद हुआ। बाद में गणपत के पार्टनर जितेंद्र पारीख ने हिल स्टेशन पुलिस थाने में महेश और 70 अन्य लोगों के खिलाफ FIR भी दर्ज कराई थी।
विवाद के पीछे राजनीति भी वजह?
गणपत 3 बार के विधायक हैं तो महेश शिवसेना के शहर प्रमुख हैं। दोनों के बीच राजनीतिक विवाद भी है। महेश को कल्याण के सांसद श्रीकांत शिंदे का करीबी माना जाता है, जो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ महीने पहले गणपत और महेश के बीच एक व्हाट्सऐप ग्रुप पर तीखी नोकझोंक हुई थी और दोनों ने एक-दूसरे को चुनौती दी थी। इस मामले में पुलिस ने भी हस्तक्षेप किया था।
घटना वाले दिन क्या हुआ?
घटना वाले दिन गणपत का बेटा वैभव भी हिल लाइन पुलिस स्टेशन गया था, लेकिन तब पुलिस अधिकारी महेश के साथ बैठक कर रहे थे। इस वजह से वैभव की पुलिस से मुलाकात नहीं हो सकी। शाम में फिर गणपत थाने पहुंचे। इस दौरान वैभव को महेश और उनके समर्थकों ने धक्का दे दिया। इसी बात से गणपत गुस्सा हो गए और महेश पर गोली चला दी। फिलहाल गणपत जेल में और महेश अस्पताल में हैं।
3 बार के विधायक हैं गणपत
गणपत कल्याण (पूर्व) से 3 बार के विधायक हैं। पहली बार 2009 में उन्होंने निर्दलीय चुनाव जीता था। तब अविभाजित शिवसेना और भाजपा का गठबंधन था। 2014 में शिवसेना-भाजपा गठबंधन टूटने के बावजूद गणपत ने दोबारा निर्दलीय जीत दर्ज की। 2019 में उन्होंने भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ा और तीसरी बार जीत दर्ज की। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि महेश और गणपत दूर के चचेरे भाई हैं।