केरल सरकार के नए मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा को नहीं मिली जगह
केरल में कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाने को लेकर तारीफ हासिल करने वाली राज्य की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा को बड़ा झटका लगा है। केरल में हाल में हुई विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल कर सत्ता में वापसी करने वाली लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) ने उन्हें अपने नए कैबिनेट मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। चौंकाने वाली बात यह है कि नए मंत्रिमंडल में सभी नए मंत्रियों को शामिल किया गया है।
मुख्यमंत्री को छोड़कर सभी मंत्री नए होंगे- शमसीर
CPI-M विधायक एएन शमसीर ने नए मंत्रिमंडल को लेकर मंगलवार को स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने NDTV से कहा, "मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को छोड़कर पहले वाले LDF मंत्रालय में से कोई भी मंत्री नए LDF मंत्रालय का हिस्सा नहीं है। सभी 11 मंत्री नए होंगे। नया मंत्रिमंडल युवा और अनुभवियों का मिश्रण होगा। केवल हमारी पार्टी में ही ऐसा करने का साहस है। पार्टी ने कई शीर्ष नेताओं को चुनाव लड़ने तक की अनुमति नहीं दी थी।"
LDF कैबिनेट में होंगे कुल 21 मंत्री- विजयराघवन
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी (CPI-M) के कार्यवाहक राज्य सचिव और लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) के संयोजक ए विजयराघवन ने कहा कि कैबिनेट (मंत्रिमंडल) में सदस्यों की संख्या 21 होगी। इसमें सबसे बड़े गठबंधन सहयोगी दल CPI-M के 12 सदस्यों को शामिल किया जाएगा, जबकि दूसरी सबसे बड़ी पार्टी CPI के 4 सदस्य होंगे। इसी तरह केरल कांग्रेस (M), जनता दल (S) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) से एक-एक मंत्री होगा।
केके शैलजा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है पार्टी का निर्णय
नए LDF मंत्रिमंडल में सभी नए मंत्री बनाने का निर्णय पिछली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रही केके शैलजा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। राज्य में "शैलजा टीचर" के नाम से मशहूर शैलजा ने पहले राज्य की जनता को निपाह वायरस के प्रकोप से बचाया था और फिर उसके बाद कोरोना महामारी को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए थे। उनके बेहतरीन प्रयासों को लेकर केंद्र सहित अन्य सभी दलों ने उनकी खासी प्रशंसा की थी।
अमेरिकी मैगजीन ने शैलजा को बताया था 'शीर्ष विचारक'
बता दें कि निपाह वायरस और कोरोना महामारी के खिलाफ उठाए गए प्रभावी कदमों को लेकर अमेरिकी मैगजीन ने उन्हें 'साल 2020 की शीर्ष विचारक' के रूप में चुना था। यह उनके कार्यकाल की बड़ी उपलब्धियों में एक मानी जाती है।
60,000 से अधिक वोटों से हासिल की थी जीत
बता दें इस बार के विधानसभा चुनावों में केके शैलजा ने मत्तानूर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। इसी सीट पर उन्होंने कुल 61.97 प्रतिशत वोट हासिल किए थे और उन्होंने 60,000 से भी अधिक वोटों से बड़ी जीत हासिल की थी। इसी तरह उन्होंने केरल विधानसभा चुनाव 2016 में कुथुपरंबा सीट से चुनाव लड़ा था और उस दौरान भारी मतों से जीत हासिल की थी। लोगों के विश्वास के बाद भी उन्हें मंत्री पद नहीं मिलना बड़ी बात है।
शैलजा ने चुनाव में जीत के बाद दिया था यह बयान
विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने के बाद शैलजा ने कहा था, "मेरे फिर से स्वास्थ्य मंत्री बनने का निर्णय कैबिनेट द्वारा किया जाएगा। मैं इसको लेकर पूरी तरह से कुछ नहीं कह सकती हूं।" उन्होंने आगे कहा था, "मैं एक बाद कह सकती हूं कि हमने अपने कार्यकाल के दौरान कई चुनौतियों का सामना किया। हमारे पास एक विनाशकारी तूफान, बाढ़, निपाह वायरस और COVID-19 महामारी थी, लेकिन हमने हर बाद मजबूत कदम उठाए।"
विभानसभा चुनाव में LDF को मिली सभी 97 सीटें
बता दें 2 मई को हुई विधानसभा चुनाव की मतगणना में LDF को कुल 97 और UDF को 41 सीटें मिली थी। इसमें CPI-M को 62 और CPI को 17, कांग्रेस को 21 सीट, IUML को 15 और अन्य दलों को 25 सीटें मिली थी।