प्रधानमंत्री मोदी के UCC का समर्थन करने पर विपक्ष का पलटवार, जानें किसने क्या कहा
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समान नागरिक संहिता (UCC) का समर्थन करने के बाद देशभर में एक राजनीतिक बहस शुरू हो गई है।
कांग्रेस, जनता दल यूनाइटेड (JDU) और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) जैसी पार्टियों ने प्रधानमंत्री मोदी पर वोट बैंक की राजनीति का आरोप लगाया है।
विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि प्रधानमंत्री वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ऐसा बयान दे रहे हैं और उन्होंने विधानसभा चुनावों को देखते हुए यह बयान दिया है।
कांग्रेस
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री पर साधा निशाना
कांग्रेस के नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर सवाल खड़े किये हैं।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, "वह (प्रधानमंत्री) बेरोजगारी, गरीबी, महंगाई और मणिपुर के हालात पर बात क्यों नहीं करते हैं। मणिपुर 60 दिनों से जल रहा है। एक बार भी उन्होंने शांति की अपील नहीं की। इन सब मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए वे ऐसी बातें कर रहे हैं।"
कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने प्रधानमंत्री पर ध्रुवीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया है।
DMK
DMK ने कहा- पहले हिंदू धर्म में लागू की जानी चाहिए समान नागरिक संहिता
प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की पार्टी DMK ने भी सवाल उठाए हैं।
DMK नेता टीकेएस एलंवोगन ने कहा, "समान नागरिक संहिता सबसे पहले हिंदू धर्म में लागू की जानी चाहिए। अनुसूचित जाति/जनजाति सहित प्रत्येक व्यक्ति को देश के किसी भी मंदिर में पूजा करने की अनुमति दी जानी चाहिए। हम UCC केवल इसलिए नहीं चाहते क्योंकि संविधान में हर धर्म को सुरक्षा दी गई है।"
बयान
JDU ने कहा- वोट बैंक की राजनीति करती है भाजपा
JDU नेता केसी त्यागी ने प्रधानमंत्री के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा, "यह (UCC) एक ऐसा विषय है जिस पर सभी राजनीतिक पार्टियों और सभी हितधारकों को बात करनी चाहिए। भाजपा सिर्फ वोटबैंक की राजनीति करती है, ताकि धार्मिक ध्रुवीकरण हो।"
बिहार सरकार में मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा, "प्रधानमंत्री द्वारा गठित विधि आयोग ने अपनी रिपोर्ट में UCC को सही नहीं बताया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में इसकी आवश्यकता नहीं है।"
AIMIM
AIMIM अध्यक्ष ओवैसी ने भी प्रधानमंत्री पर साधा निशाना
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री को यह समझने की जरूरत है कि अनुच्छेद 29 एक मौलिक अधिकार है। मुझे लगता है प्रधानमंत्री को यह समझ नहीं आया। संविधान में धर्मनिरपेक्षता की बात है। इस्लाम में शादी एक कॉन्ट्रैक्ट है, हिंदुओं में जन्म-जन्म का साथ है। क्या आप सबको मिला देंगे? भारत की विविधता को वे एक समस्या समझते हैं।"
बयान
प्रधानमंत्री ने क्या दिया था बयान?
प्रधानमंत्री मोदी ने UCC का समर्थन करते हुए कहा था कि एक परिवार में अलग-अलग सदस्यों के लिए अलग-अलग कानून नहीं होते हैं और ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा।
उन्होंने कहा कि UCC के नाम पर लोगों को भड़काया जा रहा है, लेकिन भारत के संविधान में सभी नागरिकों के लिए समान अधिकारों की बात है।
उन्होंने कहा कि अगर तीन तलाक इस्लाम का जरूरी अंग है तो पाकिस्तान और बांग्लादेश ने इसको क्यों बंद कर दिया।
कहां
प्रधानमंत्री ने कहां दिया ये बयान?
प्रधानमंत्री भोपाल में इस साल मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने आए थे।
उन्होंने यहां मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में 'मेरा बूथ सबसे मजबूत' अभियान के तहत 543 लोकसभाओं के 10 लाख और मध्य प्रदेश के 64,100 बूथ के कार्यकर्ताओं को वर्चुअली संबोधित किया।
इस कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से आए 3,000 से अधिक भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहे।