बिहार: राजनीति में आएंगे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत? जानिए क्यों लग रहीं अटकलें
क्या है खबर?
बिहार की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। चर्चाएं हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार राजनीति में पदार्पण करने जा रहे हैं।
हाल ही में निशांत ने लोगों से अपने पिता को वोट देने की अपील की थी। ये निशांत का पहला राजनीतिक बयान था। इसके बाद से बिहार में चर्चाएं हैं कि नीतीश अपने उत्तराधिकारी के तौर पर निशांत को राजनीति में लॉन्च कर सकते हैं।
वजह
निशांत के राजनीति में आने की चर्चाएं क्यों?
17 जनवरी को नीतीश अपने पिता स्वर्गीय कविराज राम लखन सिंह यादव की प्रतिमा स्थल पर श्रद्धांजलि देने अपने पैतृक गांव पहुंचे थे। तब निशांत भी उनके साथ थे।
यहां निशांत ने मीडिया से कहा था, "नए साल में चुनाव है। हो सके तो पिताजी (नीतीश) और उनकी पार्टी (JDU) को जनता वोट करे और फिर से सरकार में लाए, अच्छा काम करेंगे।"
इसके बाद निशांत से राजनीति में आने को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने कुछ नहीं कहा।
बयान
क्या कह रहे हैं JDU के नेता?
इंडियन एक्सप्रेस ने JDU के सूत्रों के हवाले से कहा है कि निशांत होली के बाद सक्रिय राजनीति में आ सकते हैं।
एक सूत्र ने अखबार से कहा, "निशांत कुमार राजनीति में आने के लिए तैयार हैं और इस मामले में मुख्यमंत्री की हरी झंडी का इंतजार किया जा रहा है। नीतीश कुमार को बताया गया है कि पार्टी के कार्यकर्ता चाहते हैं कि निशांत को राजनीति में आने की इजाजत दी जाए।"
JDU नेता
वरिष्ठ JDU नेता बोले- प्रगतिशील विचारों वाले युवाओं का स्वागत
JDU के वरिष्ठ नेता श्रवण कुमार ने कहा, "बिहार का एक-एक व्यक्ति कहता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को वोट करना चाहिए और निशांत कुमार ने भी यही कहा। निश्चित रूप से 2025 में नीतीश कुमार बड़ी बहुमत के साथ फिर से सरकार बनाएंगे। वैसे राजनीति में तो सबको आना चाहिए, पर निशांत कुमार की इच्छा क्या है, वह खुद तय करेंगे। प्रगतिशील विचारों वाले युवाओं का राजनीति में स्वागत है, सही समय पर फैसला लिया जाएगा।"
परिवारवाद
नीतीश के लिए क्यों है असमंजस की स्थिति?
इससे पहले भी कई बार निशांत के राजनीति में आने की चर्चा उठी है, लेकिन परिवारवाद के आरोपों के चलते नीतीश ने इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं कहा है।
नीतीश अक्सर वंशवादी राजनीति की आलोचना करते रहे हैं और इसे लेकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के खिलाफ काफी मुखर रहे हैं।
इसलिए अगर निशांत राजनीति में आते हैं तो विपक्षी पार्टियां परिवारवाद पर नीतीश को घेर सकती हैं।