नारायण राणे का उद्धव ठाकरे पर हमला, कहा- अपने बयान पर अभी भी हूं कायम
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने के मामले में मंगलवार को गिरफ्तार किए गए केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्री नारायण राणे ने देर रात जमानत मिलने के बाद बुधवार को मुख्यमंत्री ठाकरे पर जवाबी हमला बोला है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं कहा और वह अभी भी अपने बयान पर कायम है। उनके पक्ष में आया कोर्ट का फैसला साबित करता है कि देश में अभी भी कानून का ही राज है।
राणे ने दिया था ठाकरे को थप्पड़ मारने का बयान
बता दें कि गत सोमवार को जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान रायगढ़ पहुंचे राणे ने मुख्यमंत्री ठाकरे को थप्पड़ मारने की बात कही थी। उन्होंने कहा था, "यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को स्वतंत्रता का वर्ष पता नहीं। वो अपने भाषण के दौरान स्वतंत्रता के वर्षों की गिनती पूछने के लिए पीछे झुक गए। यदि मैं वहां होता, तो उन्हें जोरदार थप्पड़ मारता।" राणे ने दावा किया था कि ठाकरे अपने भाषण के दौरान स्वतंत्रता का वर्ष भूल गए थे।
नाशिक पुलिस ने किया राणे को गिरफ्तार
मामले में शिवसेना पदाधिकारियों ने राणे के खिलाफ नाशिक, पुणे, ठाणे और महाड़ में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 500, 505(2) और 153(b)(1) के तहत मामले दर्ज कराए थे। इस पर राणे ने रत्नागिरी कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की, लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। इसी तरह बॉम्बे हाई कोर्ट ने उनकी याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। इस पर नाशिक पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
महाड़ मजिस्ट्रेट ने दी राणे को जमानत
राणे को पुलिस ने उन्हें महाड मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया और पुलिस रिमांड की मांग की। इसके कोर्ट ने खारिज कर दिया और 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिया। इस पर राणे के वकील ने जमानत याचिका दायर की तो कोर्ट ने उसे स्वीकार करते हुए 15,000 रुपये के जमानती मुचलके पर उन्हें जमानत दे दी। कोर्ट ने उन्हें 30 अगस्त और 6 सितंबर को रायगढ़ कोर्ट में उपस्थित होने के भी आदेश दिए हैं।
कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री को दी विवादित बयानों से बचने की नसीहत
मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश शेखबाबासो एस पाटिल ने राणे को भविष्य में इस तरह के बयानों से बचने की नसीहत दी। इसके अलावा पुलिस को राणे की आवाज के नमूने एकत्र करने से पहले उन्हें सात दिन का नोटिस देने को भी कहा।
देश में अभी भी है कानून का राज- राणे
जमानत मिलने के बाद राणे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कहा, "उन्होंने शिसवेना द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मामलों को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और उनके पक्ष में आया फैसला साबित करता है कि देश में अभी भी कानून का राज है।" उन्होंने कहा, "मैंने मुख्यमंत्री के बारे में कुछ गलत नहीं कहा, जो भी कहा मैं उस पर कायम हूं। मैने सवाल किया कि कैसे किसी मुख्यमंत्री को देश की आजादी का वर्ष पता नहीं हो सकता है।"
मुख्यमंत्री ठाकरे ने भी अतीत में दिए हैं विवादित बयान
राणे ने शिवसेना पर हमला करते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे ने भी अतीत में कई विवादित बयान दिए हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ दिए गए बयान का हवाला देते हुए कहा कि ठाकरे ने साल 2018 में योगी आदित्यनाथ के शिवाजी के प्रतिमा के सामने चप्पल ले जाने पर कहा था कि उन्हें उनकी चप्पलों से पीटा जाना चाहिए। ऐसे में उनका बयान किस तरह से उनके बयान से अलग और आपराधिक है?
"कुछ लोगों ने मरी दोस्ती और भरोसे का उठाया नाजायज फायदा"
राणे ने कहा, "मुझे लगता है कि कुछ लोगों ने मरी दोस्ती और भरोसे का नाजायज फायदा उठाया है, लेकिन मैं अब इसके बारे में बात नहीं करूंगा। जनआशीर्वाद यात्रा इसलिए रखी गई थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामों को आखिरी व्यक्ति तक पहुंचाया जा सके।" उन्होंने कहा, "सभी नए मंत्रियों को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि लोगों से जाकर आशीर्वाद लीजिए। मेरा दो दिन का गैप हो गया। अब मैं सिंधुदुर्ग से यात्रा फिर शुरू करूंगा।"