मुख्तार अब्बास नकवी और आरसीपी सिंह ने दिया केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा
क्या है खबर?
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और आरसीपी सिंह (राम चंद्र प्रसाद सिंह) ने गुरुवार को खत्म होने वाले अपने राज्यसभा कार्यकाल से एक दिन पहले यानी बुधवार को केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। अब ये दोनों नेता मंत्रिमंडल से बाहर होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार की कैबिनेट बैठक में दोनों केंद्रीय मंत्रियों के देश और लोगों के लिए दिए योगदान की सराहना की।
बता दें कि भाजपा ने इस बार नकवी को राज्यसभा नहीं भेजा है।
मुलाकात
नकवी ने इस्तीफा देने के बाद की जेपी नड्डा से मुलाकात
कैबिनेट की बैठक के बाद दोनों मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों मंत्रियों के कार्यों की सराहना की।
इसके बाद नकवी ने पार्टी मुख्यालय पहुंचकर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की।
कहा जा रहा है कि मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद पार्टी अब नकवी को कोई अन्य बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकती है। इसके अलावा आरसीपी सिंह को भी दूसरी जिम्मेदारी मिलने की संभावना है।
कार्यकाल
गुरुवार को खत्म हो रहा है दोनों नेताओं का कार्यकाल
बता दें कि राज्यसभा सांसद के रूप में मुख्तार अब्बास नकवी और आरसीपी सिंह का कार्यकाल गुरुवार को समाप्त होने जा रहा है।
भाजपा ने जहां नकवी को इस बार राज्यसभा नहीं भेजा है, वहीं जनता दल यूनाइटेड (JDU) कोटे से मंत्री बने आरसीपी सिंह को भी पार्टी ने राज्यसभा नहीं भेजा है।
ऐसे में अब ये दोनों नेता किसी भी सदन के सदस्य नहीं होंगे। इसके चलते दोनों नेताओं ने कार्यकाल खत्म होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया।
परिचय
कौन हैं मुख्तार अब्बास नकवी?
बता दें कि नकवी ने पहली बार 1980 में अयोध्या से निर्दलीय चुनाव लड़ा था। इसके बाद 1991 और 1993 में उन्होंने भाजपा के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ा था।
साल 1998 में वह भाजपा के इतिहास में पहले मुस्लिम सांसद बने। इसके बाद भाजपा ने साल 2002 और 2010 में उन्हें उत्तर प्रदेश और साल 2016 में झारखंड से राज्यसभा भेजा था।
उन्हें 26 मई, 2014 को अल्पसंख्यक मामलों का राज्य मंत्री बनाया गया था।
अटकलें
नकवी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने की हैं अकटलें
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि भाजपा नकवी को उपराष्ट्रपति चुनाव में अपना उम्मीदवार घोषित कर सकती है।
भाजपा की ओर से जिसे भी उम्मीदवार बनाया जाएगा, उसकी जीत पक्की होगी। इसका कारण है कि इस चुनाव राज्यसभा और लोकसभा के सदस्य वोट डालते हैं। इस समय इन दोनों सदनों को मिलाकर NDA का ही बहुमत है।
दूसरी तरफ यह भी चर्चा है कि उन्हें जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल बनाया जा सकता है, लेकिन स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है।
परिचय
आरसीपी सिंह ने सेवानिवृत्ति के बाद रखा था राजनीति में कदम
बता दें कि नालंदा निवासी आरसीपी सिंह भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी रहे हैं। उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नजदीकी माना जाता है। वह उनके प्रमुख सचिव भी रह चुके हैं। सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा था।
JDU ने उन्हें 2010 और 2016 में राज्यसभा भेजा था। वह JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे हैं। 2019 में JDU कोटे से उन्हें मंत्री पद दिया गया था, लेकिन पार्टी ने इस बार उन्हें राज्यसभा नहीं भेजा।