मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव कौन हैं और उन्हें चुनने के पीछे क्या गणित?
मोहन यादव मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे। सोमवार को भाजपा विधायक दल की बैठक में यह फैसला लिया गया। यादव को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का करीबी बताया जाता है। बता दें कि इस महीने की शुरुआत में भाजपा ने मध्य प्रदेश में 166 सीटें जीतकर प्रचंड जीत हासिल की थी, लेकिन मुख्यमंत्री के नाम को लेकर अभी तक कुछ स्पष्ट नहीं था। आइए जानते हैं कौन हैं मोहन यादव और भाजपा ने उन्हें मुख्यमंत्री क्यों चुना।
उज्जैन है मोहन यादव की जन्मस्थली
मोहन यादव का 25 मार्च, 1965 को मध्य प्रदेश के उज्जैन में जन्म हुआ था। उन्होंने BSc, LLB और PhD की डिग्री हासिल की हुई है। उन्हें राजनेता के साथ-साथ एक व्यवसायी के रूप में भी जाना जाता है। यादव उज्जैन जिले की उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक हैं। वह लंबे समय तक RSS के कई पदों पर भी काम कर चुके हैं। वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के उज्जैन नगर मंत्री का जिम्मा भी संभाल चुके हैं।
कैसा रहा है यादव का राजनीतिक करियर?
यादव ने 1982 में ABVP की तरफ से छात्र संघ का चुनाव जीता था। इसके बाद 2023 में वे उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक बने। उन्होंने 2018 में भी इस सीट से जीत दर्ज की। यादव का कद तब बढ़ा जब उन्हें 2 जुलाई, 2020 को शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री बनाया गया। वे भाजपा की राज्य कार्यकारिणी और सिंहस्थ मध्य प्रदेश की केंद्रीय समिति के सदस्य भी रहे हैं।
इस बार तीसरी बार उज्जैन दक्षिण से विधायक बने यादव
इस विधानसभा चुनाव में यादव ने उज्जैन दक्षिण सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार चेतन प्रेम नारायण यादव को हराकर 12,941 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। इस सीट से तीसरी बार विधायक बने हैं।
मोहन यादव राज्य के अमीर नेताओं में से एक
माईनेताडॉटकॉम के मुताबिक, यादव के पास कुल 42 करोड़ रुपये की संपत्ति है और देनदारी 9 करोड़ रुपये है। उनकी गिनती राज्य के अमीर नेताओं में की जाती हैं। विधानसभा चुनावों के लिए दिए गए चुनावी हलफनामे के अनुसार, यादव और उनकी पत्नी के पास करोड़ों की जमीन है, जिसमें 15 करोड़ रुपये की कृषि भूमि है। 2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अधिकतम संपत्ति घोषित करने वाले शीर्ष 3 नेताओं में यादव दूसरे नंबर पर थे।
मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाने के पीछे क्या गणित?
चुनाव परिणाम घोषित होने के 10 दिन बाद भोपाल में आयोजित भाजपा विधायक दल की बैठक में मोहन यादव को मुख्यमंत्री चुना गया। उनका नाम पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ही प्रस्तावित किया था। पहले वह इस दौड़ में शामिल नहीं थे। वे यादव और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) समुदाय से आते हैं। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में OBC और उत्तर प्रदेश और बिहार के यादवों को साधने के लिए भाजपा ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया है।