महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार का विपक्ष को जवाब, बोले- मनुस्मृति का कोई स्थान नहीं
महाराष्ट्र के स्कूली पाठ्यक्रम में मनुस्मृति के श्लोकों को शामिल करने की चर्चाओं से उठे विवादों के बीच उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने स्थिति साफ की। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख पवार ने गुरुवार को विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि स्कूली पाठ्यक्रम में 'मनुस्मृति' का कोई भी श्लोक शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में ऐसा कोई प्रयास नहीं किया जा सकता है।
मनुस्मृति को राज्य सरकार का नहीं है समर्थन
पवार ने आगे कहा कि मनुस्मृति को राज्य सरकार का समर्थन नहीं है और विपक्ष भी यह जानता है कि महाराष्ट्र में इसके लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष जानबूझकर इस मुद्दे को उठाकर गलतफहमी फैलाने की कोशिश कर रहा है, जबकि इस पर राजनीति करना सही नहीं है, महाराष्ट्र शिवाजी फुले और अंबेडकर के विचारों के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।
क्या है मनुस्मृति का विवाद?
महाराष्ट्र में विपक्ष की ओर से कुछ दिन पहले दावा किया गया था कि राज्य सरकार मनुस्मृति के श्लोकों को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहती है और वह अगले सत्र से इसमें परिवर्तन कर सकती है। इसको लेकर महाराष्ट्र में विरोध देखने को मिल रहा है। लोग सोशल मीडिया पर नाराजगी जता रहे हैं। इस बीच पवार ने स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर को भी आगे कर कहा कि उन्होंने भी इसको लेकर स्थिति साफ की है।