
कपिल सिब्बल का उपराष्ट्रपति को जवाब, बोले- राष्ट्रपति नाम का मुखिया, उनके पास निजी अधिकार नहीं
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बयान पर आश्चर्य जताया है, जिसमें उन्होंने न्यायपालिका पर सवाल खड़े किए हैं।
सिब्बल ने शुक्रवार को कहा, "आज अखबारों में मुझे धनखड़ साहब का भाषण पढ़कर दुख और आश्चर्य हुआ क्योंकि आज पूरे देश में अगर किसी संस्था पर भरोसा किया जाता है तो वह न्यायपालिका है। जब सरकार के कुछ लोगों को न्यायपालिका के फैसले पसंद नहीं आते तो वे आरोप लगाते हैं।"
बयान
राष्ट्रपति केवल नाममात्र का मुखिया- सिब्बल
सिब्बल ने आगे कहा, "जब उनको न्यायपालिका के आदेश पसंद आते हैं, तो विपक्ष को कहते हैं कि ये सुप्रीम कोर्ट का फैसला था। जो फैसला आपकी सोच के अनुसार नहीं होता उसे गलत बताते हैं। वे अनुच्छेद 142 पर सवाल उठा रहे हैं। क्या उन्हें पता है कि संविधान ने अनुच्छेद 142 के तहत सुप्रीम कोर्ट को पूर्ण न्याय देने का अधिकार दिया है? यह किसी सरकार ने हक नहीं दिया। राष्ट्रपति केवल नाम का मुखिया है।"
बयान
आगे क्या बोले सिब्बल?
सिब्बल ने आगे कहा, "राष्ट्रपति कैबिनेट की सलाह के आधार पर काम करते हैं। राष्ट्रपति के पास अपना कोई निजी अधिकार नहीं होता है। जगदीप धनखड़ को यह बात पता होनी चाहिए। वो कह रहे हैं कि आप राष्ट्रपति की शक्तियों को कैसे चैलेंज कर सकते हैं, कौन कर रहा है ऐसा। क्या कोई राज्यपाल जनता के जरूरत का विधेयक 2 साल रोक सकता है? क्या कोर्ट को कोई हक नहीं।"
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#WATCH दिल्ली: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बयान पर वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा, "जगदीप धनखड़ का बयान देखकर मुझे दुख और आश्चर्य हुआ। आज के समय में अगर पूरे देश में किसी संस्था पर भरोसा किया जाता है तो वह न्यायपालिका है। जब सरकार के कुछ लोगों को न्यायपालिका के… pic.twitter.com/5ptfGX4HxW
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 18, 2025