जम्मू-कश्मीर: मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की पहली कैबिनेट का फैसला, पूर्ण राज्य की बहाली का प्रस्ताव पारित
जम्मू-कश्मीर के नवनियुक्त मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में हुई पहली राज्य कैबिनेट की बैठक में बड़ा फैसला लिया गया। कैबिनेट में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने का प्रस्ताव रखा गया, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने की, जिसमें उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी, मंत्री सकीना मसूद इटू, जावेद अहमद राणा, जावेद अहमद डार और सतीश शर्मा भी शामिल हुए।
जल्द प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे मुख्यमंत्री अब्दुल्ला
प्रस्ताव का एक मसौदा भी तैयार किया गया, जिसे मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपेंगे। मुख्यमंत्री अब्दुल्ला प्रधानमंत्री मोदी से मिलने दिल्ली जाएगी और उनसे राज्य का दर्जा बहाल करने का आग्रह करेंगे। दूसरी तरफ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने कहा कि जब तक राज्य का दर्जा बहाल नहीं हो जाता, पार्टी जम्मू-कश्मीर मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगी। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने विश्वास जताया कि केंद्र जल्द पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करेगा।
पूर्ण राज्य से केंद्र शासित राज्य बना है जम्मू-कश्मीर
जम्मू-कश्मीर पहले पूर्ण राज्य था, लेकिन 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद इसे 2 केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया। लद्दाख में विधानसभा नहीं है और जम्मू-कश्मीर की अपनी विधानसभा है। संविधान के अनुच्छेद 239 में कहा गया है कि केंद्र शासित प्रदेश का प्रशासन राष्ट्रपति द्वारा किया जाएगा, जो प्रशासक के रूप में कार्य करेगा। इससे जम्मू-कश्मीर की नई सरकार के लिए सबसे बड़ा बदलाव केंद्र शासित प्रदेश की तरह सरकार चलाने का होगा।