जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव के बाद हो सकते हैं विधानसभा चुनाव- रिपोर्ट
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा, नगर निकाय और पंचायत चुनाव जल्द होने की संभावना है। खबर है कि लोकसभा चुनाव के बाद यहां चुनाव आयोजित कराए जा सकते हैं।
जम्मू-कश्मीर की 4,892 निर्वाचित ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों का 5 साल का कार्यकाल मंगलवार को समाप्त हो गया।
इससे पहले पिछले साल नवंबर में नगर निकायों का कार्यकाल भी पूरा हो गया था, जबकि 2014 के बाद से राज्य में विधानसभा चुनाव नहीं हुए हैं।
रिपोर्ट
14 नवंबर को समाप्त हुआ था शहरी निकायों का कार्यकाल
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 14 नवंबर, 2023 को जम्मू-कश्मीर के 2 नगर निगमों, 19 नगर परिषदों और 57 नगर पालिकाओं सहित शहरी स्थानीय निकायों का कार्यकाल समाप्त हो गया था।
इनका गठन 13 साल के बाद पार्टी प्रतीकों पर हुए चुनावों के माध्यम से किया गया था।
अभी जम्मू-कश्मीर में लोगों और सरकार के बीच केवल जिला विकास परिषद का संबंध है, जिसे 2020 में हुए चुनाव में लोगों ने चुना था।
OBC
स्थानीय चुनाव में पहली बार मिलेगा OBC आरक्षण
सरकार के सूत्रों के अनुसार, लोकसभा चुनाव से पहले शहरी स्थानीय निकायों और पंचायतों के चुनाव कराना संभव नहीं है।
इस बीच जम्मू-कश्मीर प्रशासनिक परिषद ने अभी हाल ही में 28 दिसंबर, 2023 को जम्मू-कश्मीर पंचायती राज अधिनियम में संशोधन किया है।
ये अधिनियम शहरी और ग्रामीण स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को आरक्षण की अनुमति देता है। इसका आशय है कि पहली बार स्थानीय चुनावों में OBC आरक्षण मिलने जा रहा है।
जानकारी
संसद ने शीतकालीन सत्र में पारित किया था आरक्षण से संबंधित विधेयक
जम्मू-कश्मीर में पंचायत और निकाय चुनाव में OBC आरक्षण एक संवैधानिक मुद्दा था। इसे राज्य चुनाव आयोग के स्तर पर सुझलाया नहीं जा सकता था, इसलिए केंद्र सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन विधेयक), 2023 पारित कर इसकी व्यवस्था की।
आरक्षण
निकाय चुनाव में OBC आरक्षण लागू करने में क्या चुनौतियां?
सूत्रों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में स्थानीय निकाय और पंचायत चुनावों में OBC आरक्षण लागू करना इतना आसान नहीं है और आरक्षित किए जाने वाले निर्वाचन क्षेत्रों की पहचान करना एक बड़ी चुनौती होगी।
इसके अलावा अभी तक संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार नगरपालिका चुनाव प्रक्रियाओं को संचालित करने के लिए राज्य चुनाव आयोग की शक्तियों का हस्तांतरण मुख्य निर्वाचन अधिकारी को होना बाकी है।
इन सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने में थोड़ा समय लग सकता है।
चुनाव
जम्मू-कश्मीर में मतदाता सूची में संशोधन का काम शुरू
इस बीच राज्य चुनाव आयुक्त बीआर शर्मा ने मतदाता सूची में संशोधन की घोषणा की है और इसके लिए राज्य में एक विशेष अभियान चलाएगा।
ये संशोधित मतदाता सूची 26 फरवरी तक प्रकाशित होगी। इसके बाद पंचायतों का परिसीमन होगा और OBC के लिए सीटों का आरक्षण किया जाएगा।
हाल में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की वैधता पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर, 2024 तक जम्मू-कश्मीर विधानसभा का चुनाव कराने को कहा था।
जम्मू-कश्मीर
जम्मू-कश्मीर में नवंबर, 2018 से नहीं है स्थानीय सरकार
जम्मू-कश्मीर में 2014 में आखिरी विधानसभा चुनाव हुआ था, जिसके बाद पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) और भाजपा ने मिलकर सरकार बनाई थी।
हालांकि, नवंबर, 2018 में ये सरकार गिर गई और राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। तभी से यहां स्थानीय सरकार नहीं है।
केंद्र ने अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को खत्म करके राज्य को 2 केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया।
जम्मू-कश्मीर को अभी राज्य का दर्जा नहीं है और विधानसभा चुनाव से पहले उसे ये दर्जा देगा होगा।