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#NewsBytesExplainer: मतदाता सूची से कैसे हटाया जाता है नाम, क्या सॉफ्टवेयर से हो सकता है डिलीट?
मतदाता सूची से नाम हटाने का तरीका जानिए

#NewsBytesExplainer: मतदाता सूची से कैसे हटाया जाता है नाम, क्या सॉफ्टवेयर से हो सकता है डिलीट?

लेखन आबिद खान
Sep 18, 2025
06:57 pm

क्या है खबर?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज फिर चुनाव आयोग को घेरा है। वोट चोरी के बाद इस बार उन्होंने मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम हटाने के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कर्नाटक की एक सीट का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां से 6,018 मतदाताओं के नाम अपने आप सूची से हटा दिए गए। महाराष्ट्र में भी उन्होंने इस तरह की कथित धांधली के आरोप लगाए। आइए जानते हैं आखिरकार मतदाता सूची से नाम कैसे हटाया जाता है।

तरीका

कैसे हटाया जाता है किसी मतदाता का नाम?

मतदाता सूची से किसी का नाम हटाने की प्रक्रिया का जिक्र जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 में किया गया है। इसके तहत नाम हटाना एक बहुचरणीय और कानूनी रूप से परिभाषित प्रक्रिया है, ताकि इसका दुरुपयोग न किया जा सके और कोई भी व्यक्ति बिना सूचना दिए या बिना वैध कारण के अपना मताधिकार न खो दे। इस प्रक्रिया की शुरुआत फॉर्म 7 को भरकर होती है।

ऑनलाइन

ऑनलाइन भी हट सकता है मतदाता सूची से नाम

आप ऑफलाइन के साथ ही ऑनलाइन भी मतदाता सूची से नाम हटा सकते हैं। इसके लिए आपको मतदाता सूची की वेबसाइट पर जाना होगा। फिर 'ऑब्जेक्शन फॉर प्रपोज्ड इंक्लूजन/डिलीशन ऑफ नेम इन एक्जिस्टिंग रोल' पर क्लिक करना होगा। इसके बाद फॉर्म 7 का ऑनलाइन फॉर्मेट खुल जाएगा। यहां आपको जरूरी जानकारी और नाम हटाने की वजह दर्ज करनी होगी। कैप्चा कोड डालने के बाद इसे सबमिट करना होगा। आमतौर पर नाम हटने में 10 दिन का समय लगता है।

प्रक्रिया

ERO को जमा करना होता है फॉर्म 7

आप चुनाव आयोग की वेबसाइट से फॉर्म 7 निकालकर खुद का या किसी और का नाम हटाने के लिए निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ERO) के पास आवेदन कर सकते हैं। इस फॉर्म में आपको निर्वाचन क्षेत्र का नाम, मतदाता पहचान पत्र संख्या या EPIC नंबर, नाम हटाने की वजह, खुद की व्यक्तिगत जानकारी और हस्ताक्षर जैसी जरूरी जैसी भरनी होती है। फॉर्म जमा करने के बाद बाद स्थानीय बूथ स्तरीय अधिकारी (BLO) एक रसीद जारी करते हैं।

वजह

किन-किन स्थितियों में हटाया जाता है मतदाता का नाम?

फॉर्म 7 में आपको नाम हटाने की वजह भी बतानी होती है। जिन वैध स्थितियों में नाम हटाया जाता है, उनमें मतदाता का स्थायी तौर पर किसी दूसरे निर्वाचन क्षेत्र में रहने चले जाना, पंजीकृत पते पर नहीं पाया जाना, मतदाता सूची में 2 या ज्यादा बार नाम होना, मृत्यु हो जाना या भारतीय नागरिक नहीं रह जाना जैसे कारण शामिल है। मनमाने या राजनीतिक आधार पर नाम हटाने की मांग नहीं की जा सकती।

सत्यापन

BLO करता है भौतिक सत्यापन

फॉर्म 7 जमा करने के बाद अधिकारी इसकी जांच करते हैं। बूथ लेवल अधिकारी (BLO) मतदाता के पते पर जाकर यह पता करता है कि मतदाता वहां रह रहा है या नहीं या उसकी मृत्यु हो गई है या नाम कई बार दर्ज है। इस दौरान चुनाव आयोग के अधिकारी कोई भी फैसला लेने से पहले दस्तावेजों की मांग सकते हैं, मतदाता को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कह सकते हैं या बयान भी दर्ज कर सकते हैं।

गलती

गलती से नाम हटने पर क्या होता है?

अगर आपको लगता है कि आपका नाम गलती से हट गया है, तो आप ERO के आदेश को चुनौती दे सकते हैं। जिस आवेदक ने नाम हटाने की मांग की है और जिस मतदाता का नाम संदिग्ध है, दोनों को सुनवाई का अधिकार है। आपको दोबारा नाम जुड़वाने के लिए जरूरी दस्तावेजों के साथ फॉर्म 6 भरकर जमा करना होगा। अगर कोई फॉर्म 7 में गलत जानकारी देता है, तो उस पर जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है।