विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया का साथ कांग्रेस के लिए कितना फायदेमंद होगा?
हरियाणा के दिग्गज पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। बीते दिन दोनों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की थी। उसके बाद से ही अटकलें थीं कि वे कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। पार्टी दोनों को हरियाणा विधानसभा चुनाव के दंगल में उतार सकती है। आइए जानते हैं कि पहलवानों के साथ आने से कांग्रेस की ताकत कितनी बढ़ सकती है।
जाट वोटों में बढ़ेगा कांग्रेस का जनाधार
हरियाणा की राजनीति में जाट बनाम गैर जाट समीकरण काफी अहम हैं। जाट कांग्रेस तो गैर जाट भाजपा के वोटर माने जाते हैं। भाजपा ने पहले मनोहर लाल खट्टर और अब OBC नेता नायब सैनी को मुख्यमंत्री बनाया। इसके उलट 2005 से 2014 तक कांग्रेस ने जाट समुदाय से आने वाले भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मुख्यमंत्री बनाया हुआ था। विनेश और बजरंग दोनों ही जाट समुदाय से हैं, जिसका फायदा कांग्रेस को मिलना तय है।
कांग्रेस के काम आएगी विनेश के लिए सहानुभूति?
दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के दौरान विनेश की एक तस्वीर खूब वायरल हुई थी, जिसमें वे सड़क पर लगभग बेहोशी की हालत में पड़ी हुई थीं। पेरिस ओलिंपिक में वजन को लेकर फाइनल से बाहर होने के बाद भी मैट पर लेटी विनेश की ऐसी ही तस्वीर सामने आई थी। ऐसे में विनेश को लेकर हरियाणा समेत पूरी देश में सहानुभूति की लहर है, जिसका फायदा कांग्रेस को भी मिल सकता है।
किसानों के मुद्दों पर पार्टी को मिलेगा नया चेहरा
राजनीति में आने से पहले भी विनेश किसान आंदोलन और पहलवानों के प्रदर्शन को लेकर सरकार के खिलाफ मुखर दिखाई दी हैं। ओलिंपिक से लौटने के बाद भी विनेश शंभू बॉर्डर पर किसानों से मिलने पहुंची थी। इन मुद्दों पर उन्हें कांग्रेस का भी भरपूर साथ मिला है। MSP और बाकी मुद्दों पर कांग्रेस केंद्र सरकार को घेरती रही है। ऐसे में विनेश के साथ आने से कांग्रेस को किसानों के मोर्चे पर एक नया चेहरा मिलेगा।
हरियाणा चुनाव में कैसा रहा है खिलाड़ियों का प्रदर्शन?
खास बात है कि हरियाणा चुनावों में खिलाड़ियों का प्रदर्शन काफी अच्छा नहीं रहा है। इससे पहले पहलवान योगेश्वर दत्त और बबीता फोगाट को भाजपा ने 2019 के चुनाव में क्रमश: बरोदा और चरखी दादरी से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन दोनों ही हार गए। बबीता तीसरे नंबर पर रही थीं और दत्त तो उसके बाद उपचुनाव भी हार गए। इसके अलावा हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह जरूर मंत्री बने, लेकिन अब उनका भी टिकट कट गया है।