हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव का मतदान खत्म, 5 बजे तक 65.5 प्रतिशत लोगों ने डाले वोट
हिमाचल प्रदेश में 68 सीटों पर चला रहा विधानसभा चुनाव का मतदान खत्म हो गया है। चुनाव आयोग के अनुसार, शाम 5 बजे तक मतदान प्रतिशत 65.5 प्रतिशत था। अंतिम आंकड़े आने पर इसके पिछले चुनाव के मतदान प्रतिशत (74.6 प्रतिशत) तक पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे। राज्य में पिछले चार दशक में हर बार सरकार बदलती रही है, ऐसे में सत्तारूढ़ भाजपा लगातार दूसरी बार चुनाव जीतकर इतिहास रचना चाहेगी।
हिमाचल के 55 लाख मतदाता करेंगे 412 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला
हिमाचल के 55 लाख मतदाता चुनावी मैदान में उतरे 412 उम्मीदवारों के सियासी भविष्य का फैसला करेंगे। इन उम्मीदवारों में से महिलाओं की संख्या महज 24 है। पार्टियों के हिसाब से बात की जाए तो भाजपा और कांग्रेस ने सभी 68 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं, वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) 67 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इनके अलावा बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रीय देवभूमि पार्टी, हिंदू समाज पार्टी, स्वाभिमान पार्टी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी भी मैदान में हैं।
भाजपा और कांग्रेस के बीच है मुख्य मुकाबला
हिमाचल में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है, हालांकि AAP की एंट्री ने मुकाबले को कुछ हद तक त्रिकोणीय बना दिया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हिमाचल से ही आते हैं, ऐसे में यह चुनाव उनके और भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है। हालांकि स्थानीय नेताओं की बगावत ने उसके लिए परिस्थितियां मुश्किल की हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस चाहेगी कि हर बार सरकार बदलने के चलन का फायदा उठाकर वह सत्ता में वापसी कर सके।
क्या हैं चुनाव के अहम मुद्दे?
हिमाचल प्रदेश में सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी का है। राज्य में बेरोजगारी दर सितंबर में 9.2 प्रतिशत और अक्टूबर में 8.2 प्रतिशत थी, जो 7.6 प्रतिशत की राष्ट्रीय औसत से अधिक है। इसके अलावा अग्निपथ योजना, पुरानी पेंशन स्कीम (OPS), सेब के किसानों की दुर्दशा और गांवों में सड़कें और कनेक्टिविटी बड़े मुद्दों में शामिल हैं। हिमाचल के 39 प्रतिशत गांव और इलाके ऐसे हैं जहां कोई भी सड़क नहीं है और वो देश-दुनिया से कटे हुए हैं।
पार्टियों ने क्या वादे किए हैं?
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में पांच लाख युवाओं को रोजगार देने, OPS को दोबारा लागू करने, सेब के लिए MSP घोषित करने और सड़कों के निर्माण में तेजी लाने का वादा किया है। AAP ने भी छह लाख युवाओं को रोजगार देने, OPS को वापस लागू करने और फलों पर MSP देने का वादा किया है। वहींं भाजपा ने आठ लाख युवाओं को रोजगार देने से लेकर यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू करने जैसे वादे किए हैं।
हिमाचल में रहा है राजपूतों और ब्राह्मणों का दबदबा
करीब 70 लाख की आबादी वाले हिमाचल प्रदेश की राजनीति में राजपूतों और ब्राह्मणों का दबदबा रहा है। इसकी एक वजह राज्य में सवर्ण आबादी का बहुमत होना है। 2011 की जनगणना के अनुसार, हिमाचल की आबादी में से 33 प्रतिशत राजपूत और 18 प्रतिशत ब्राह्मण हैं। अन्य जातियों की बात करें तो राज्य में 25 प्रतिशत SC, 13-14 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), 5 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति (ST) और बाकी पांच प्रतिशत में सिख, मुस्लिम और अन्य आते हैं।
पिछले चुनाव में क्या रहे थे नतीजे?
2017 हिमाचल विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य की 68 में से 44 सीटों पर कब्जा किया था, वहीं कांग्रेस महज 21 सीटों पर सिमट कर रह गई थी। CPM को भी एक सीट मिली थी, वहीं बाकी दो सीटों पर निर्दलीय जीते थे।