रिश्वत लेने के आरोपों पर बोले केंद्रीय मंत्री, कहा- आरोप साबित हुए तो छोड़ दूंगा राजनीति
केंद्रीय कोयला राज्यमंत्री हरिभाई पी. चौधरी ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई दी है। उन्होंने सीबीआई के डीआईजी मनीष कुमार सिन्हा द्वारा लगाए गए आरोपों को "आधारहीन और दुर्भावनापूर्ण" बताते हुए कहा कि अगर ये आरोप साबित हो जाते हैं तो वह राजनीति छोड़ देंगे। सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि हैदराबाद के कारोबारी सतीश बाबू सना ने पूछताछ के दौरान कहा कि केंद्रीय मंत्री को कुछ करोड़ रुपये दिए गए थे।
याचिका में अजित डोभाल का भी नाम शामिल
मनीष कुमार सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में कई बड़े नामों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने याचिका में कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारी राकेश अस्थाना के खिलाफ छापेमारी रुकवाई और सावंत गोयल का फोन जब्त करने की इजाजत नहीं दी। इसके अलावा उनकी याचिका में केंद्रीय सतर्कता आयुक्त और विधि सचिव का भी नाम शामिल हैं। हालांकि, इन दोनों ने अपने खिलाफ लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
सीबीआई में डीआईजी हैं मनीष कुमार सिन्हा
सिन्हा आंध्र प्रदेश कैडर के 2000 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, जो सीबीआई में नंबर 2 अधिकारी रहे राकेश अस्थाना मामले की जांच कर रहे थे। सिन्हा ने दावा किया कि उनका तबादला नागपुर कर, उन्हें अस्थाना के खिलाफ जांच करने वाले दल से अलग कर दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनका तबादला मनमाना, प्रेरित और दुर्भावनापूर्ण है। इसका एकमात्र उद्देश्य अधिकारियों को शिकार बनाना है, क्योंकि जांच से कुछ ताकतवर लोगों के ख़िलाफ़ पुख्ता सबूत मिले हैं।
याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
मनीष सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि उनके पास कुछ चौंकाने वाले खुलासे हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि मंगलवार को सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के अनुरोध के साथ उनकी याचिका को भी सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए। इस पर कोर्ट ने कहा कि हम किसी भी चीज से स्तब्ध नहीं होते। कोर्ट ने कहा है कि जब सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की याचिका पर सुनवाई हो तो वह कोर्ट में मौजूद रहें।
कांग्रेस ने मामले में की स्वतंत्र जांच की मांग
कांग्रेस ने सीबीआई के डीआईजी द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने इन आरोपों की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए कहा कि मामले में केंद्रीय मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और केंद्रीय सूचना आयुक्त के नाम आए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इन आरोपों से प्रधानमंत्री कार्यालय और मोदी सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मामले को संसद में उठाएगी।