
गुजरात में सभी मंत्रियों ने क्यों दिया इस्तीफा, नए मंत्रिमंडल में किसे मिल सकती है जगह?
क्या है खबर?
गुजरात के सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल इन इस्तीफों को राज्यपाल को सौंपेंगे। इसके बाद कल यानी 17 अक्टूबर को नए मंत्रिमंडल का गठन होगा। इसमें कुछ नए चेहरों को जगह मिल सकती है, तो कुछ पुराने नेताओं की भी वापसी होने की संभावना है। राज्य में 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले मंत्रिमंडल में बदलाव को अहम माना जा रहा है। आइए इसकी वजह और संभावित बदलावों को समझते हैं।
वजह
क्या 2027 चुनावों के लिए तैयारी कर रही है सरकार?
2 साल बाद यानी 2027 में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके अलावा जनवरी, 2026 में नगर पंचायत चुनाव भी होने हैं। इस कदम को चुनावी तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है। 2022 का चुनाव भाजपा ने एकतरफा जरूर जीता था, लेकिन उसके बाद से सत्ता विरोधी लहर के कयास हैं। गुजरात में इससे पहले भी आनंदीबेन पटेल और विजय रूपाणी ने अचानक मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे दिए थे।
उपचुनाव
उपचुनाव में हार भी मानी जा रही वजह
जून में विसावदर और कडी सीट पर उपचुनाव हुए थे। विसावदर में आम आदमी पार्टी (AAP) के गोपाल इटालिया ने जीत दर्ज की थी। इस सीट पर मुख्यमंत्री, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष समेत कई बड़े नेताओं ने गोपाल के पक्ष में प्रचार किया था, लेकिन जीत नहीं मिल सकी। भाजपा इस सीट पर 18 साल से जीत नहीं सकी है। मंत्रिमंडल में बदलाव को उपचुनाव के नतीजों से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
अन्य वजहें
क्या मंत्रिमंडल में फेरबदल की अन्य वजहें भी हैं?
2022 के बाद से मंत्रिमंडल में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसे युवाओं के साथ अनुभवी चेहरों को मौका देने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। कुछ रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ज्यादातर मंत्री भाजपा आलाकमान की उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर रहे थे। इसके अलावा राज्य के कुछ शीर्ष भाजपा नेता कथित तौर पर दरकिनार किए गए हैं। उनकी नाराजगी बढ़ने से पहले पार्टी उन्हें नई जिम्मेदारियां देना चाहती है।
छुट्टी
किन मंत्रियों की हो सकती है छुट्टी?
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन मंत्रियों को हटाए जाने की संभावना है, उनमें मत्स्य पालन और पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी, पंचायत मंत्री बच्चूभाई खाबर, वन एवं पर्यावरण मंत्री मुकेश पटेल, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री भीखूसिंह परमार और आदिवासी विकास मंत्री कुंवरजी हलपति के नाम शामिल हैं। इसके अलावा वित्त मंत्री कनुभाई देसाई, कृषि मंत्री राघवजी पटेल, पर्यटन मंत्री मुलुभाई बेरा और महिला एवं बाल विकास मंत्री भानु बेन बाबरिया को भी हटाए जाने की अटकलें हैं।
नए चेहरे
मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं ये चेहरे
नए चेहरों में कांग्रेस से आए अर्जुन मोढवाड़िया, अल्पेश ठाकोर, सीजे चावड़ा और हार्दिक पटेल को मौका मिल सकता है। जयेश रादडिया और जीतू वाघानी की भी जगह तय मानी जा रही है। पार्टी का कहना है कि नए मंत्रिमंडल में जातीय संतुलन और क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इसके अलावा वर्तमान मंत्रिमंडल के 3-4 मंत्रियों को दोबारा जिम्मेदारी मिल सकती है। जिन विधायकों को मंत्रि बनाया जाना है, उन्हें सूचना दे दी गई है।
महिलाएं
3 महिलाएं भी मंत्री पद की दौड़ में
मंत्री पद की दौड़ में रिवाबा जाडेजा, दर्शिता शाह और संगीता पाटिल का नाम भी शामिल हैं। रिबावा जामनगर से पहली बार की विधायक हैं और क्रिकेटर रवींद्र जाडेजा की पत्नी हैं। वहीं, संगीता दक्षिण गुजरात से आती हैं और दर्शिता पार्टी का युवा चेहरा हैं। इसके अलावा मजूरा से विधायक और गृह और खेल राज्य मंत्री हर्ष संघवी का प्रमोशन हो सकता है। उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलने की अटकलें हैं।
मंत्रिमंडल
गुजरात में हो सकते हैं अधिकतम 27 मंत्री
इस्तीफा देने से पहले मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 17 सदस्य थे। इनमें 8 कैबिनेट रैंक और 8 राज्य मंत्री थे। इनमें से 16 ने इस्तीफा दे दिया है। गुजरात विधानसभा में 182 विधायक हैं। इस हिसाब से अधिकतम 27 मंत्री हो सकते हैं। इसी वजह से मंत्रिमंडल का विस्तार होना तय है। मौजूदा 16 मंत्रियों में से 8-10 को हटाकर 5-7 नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है। इसके बाद मंत्रियों की संख्या 22-23 के आसपास हो जाएगी।