
राहुल गांधी की CCTV फुटेज मांग पर चुनाव आयोग का जवाब, दिया गोपनीयता का हवाला
क्या है खबर?
चुनाव आयोग ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की मतदान केंद्रों पर लगे CCTC कैमरों की फुटेज सर्वाधिक करने की मांग खारिज कर दी है। आयोग के सूत्रों ने कहा कि CCTV फुटेज सार्वजनिक करने से मतदाताओं की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो जाएगा। इस तरह की मांग भले ही लोकतांत्रिक प्रक्रिया की रक्षा का दावा करती है, लेकिन उसका वास्तविक उद्देश्य इसके विपरीत है। इसी तरह यह गोपनीयता और कानूनी मुद्दों का भी उल्लंघन है।
जवाब
आयोग ने क्या दिया जवाब?
इंडिया टुडे के अनुसार, आयोग के सूत्रों ने कहा, "CCTV फुटेज साझा करने से वोट देने वाले और न देने वाले मतदाताओं की पहचान करना आसान हो जाएगा। इससे दोनों तरह के मतदाता असामाजिक तत्वों द्वारा दबाव, भेदभाव और धमकी के प्रति संवेदनशील हो जाएंगे।" आयोग ने यह भी कहा कि मतदान केंद्रों से CCTV फुटेज सार्वजनिक करना जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950-51 के कानूनी प्रावधानों और भारत के सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का भी उल्लंघन होगा।
स्पष्ट
आतंरिक निगरानी के लिए हैं मतदान केंद्रों की फुटेज
आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि मतदान केंद्रों के वीडियो केवल आंतरिक निगरानी के लिए हैं और इन्हें केवल तभी साझा किया जाएगा जब किसी चुनाव मामले में कोई अदालत इसकी मांग करेगी। पिछले महीने ही निर्वाचन आयोग ने राज्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया था कि अगर, 45 दिनों के भीतर परिणामों को अदालत में चुनौती नहीं दी जाती है तो वे चुनाव प्रक्रिया की वेबकास्टिंग और वीडियो फुटेज को पूरी तरह से नष्ट कर दें।
मांग
राहुल ने की फुटेज सार्वजनिक करने की मांग
बता दें की राहुल ने हाल ही में चुनाव आयोग पर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए पारदर्शिता की मांग की थी। उन्होंने आयोग से सभी राज्यों के हालिया लोकसभा और विधानसभा चुनाव की डिजिटल, मशीन पठनीय मतदता सूची और महाराष्ट्र के मतदान केंद्रों से शाम 5 बजे बाद की CCTV फुटेज को सार्वजनिक करने की मांग की थी। उन्होंने मतदाता सूची में फर्जी नाम जोड़े जाने का भी दावा किया था।