LOADING...
बिहार के बाद अब दिल्ली में होगा SIR, जानिए मतदाताओं को क्या कहना होगा
अब दिल्ली में शुरू होगा SIR

बिहार के बाद अब दिल्ली में होगा SIR, जानिए मतदाताओं को क्या कहना होगा

लेखन गजेंद्र
Sep 18, 2025
09:03 am

क्या है खबर?

चुनाव आयोग ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बाद अब पूरे देश में इसे लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है। फिलहाल, अभी दिल्ली में काम शुरू किया जाएगा। दिल्ली में मतदाताओं की सुविधा के लिए SIR वर्ष 2002 की मतदाता सूची और वर्तमान विधानसभा क्षेत्रों का वर्ष 2002 के साथ मानचित्रण मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) दिल्ली की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। मतदाता इसे देख सकते हैं।

मतदान

कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया

CEO दिल्ली की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया, "निर्वाचन आयोग ने पूरे देश में SIR शुरू करने का निर्णय लिया है। दिल्ली के CEO कार्यालय ने इसके सफल संचालन के लिए तैयारी शुरू कर दी है।" आयोग ने बताया कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में बूथ स्तरीय अधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई है। जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO), निर्वाचक पंजीयन अधिकारी (ERO), सहायक निर्वाचक पंजीयन अधिकारी (AERO)और बूथ स्तरीय अधिकारियों (BLO) को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

जनता

दिल्ली के मतदाताओं को क्या करना है?

आयोग ने 2002 SIR की सूची https://www.ceodelhi.gov.in/ElectoralRoll 2002.aspx लिंक पर और वर्तमान विधानसभा क्षेत्रों का मानचित्रण https://ceodelhi.gov.in/SIR2025.aspx लिंक पर उपलब्ध है। दिल्ली के मतदाताओं को वर्ष 2002 की मतदाता सूची का अवलोकन कर सूची में अपने माता-पिता के नाम की पुष्टि करनी होगी। यह जानकारी BLO घर-घर जाकर लेगा। जिनके नाम वर्ष 2002 और 2025 की मतदाता सूचियों में हैं, उन्हें वर्ष 2002 की मतदाता सूची के अंश के साथ केवल गणना प्रपत्र ही जमा करने होंगे।

जानकारी

अगर 2002 की मतदाता सूची में नहीं है नाम तो?

अगर मतदाता का नाम 2002 की मतदाता सूची में नहीं है, लेकिन उसके माता-पिता का नाम 2002 की मतदाता सूची में है, तो उसे अपने माता-पिता के संबंध में गणना प्रपत्र और वर्ष 2002 की मतदाता सूची के उद्धरण के साथ पहचान प्रमाणपत्र देना होगा।

बिहार

बिहार में SIR को लेकर खूब हुआ बवाल

बिहार में SIR के बाद पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 7.9 करोड़ से घटकर 7.24 करोड़ हो गई है। साथ ही 65 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम कटे हैं। इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, जिस पर कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर आयोग की कार्यप्रणाली में गड़बड़ी मिली तो पूरी SIR प्रक्रिया रद्द होगी। कोर्ट ने SIR में पहचान या निवास प्रमाण के लिए आधार कार्ड को वैध माना है। मामले पर अंतिम बहस 7 अक्टूबर को होगी।