
चुनाव आयोग ने तमिलनाडु के 42 राजनीतिक दलों का पंजीयन रद्द किया, जानिए क्या रहा कारण
क्या है खबर?
चुनाव आयोग ने तमिलनाडु में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा सख्त कदम उठाया है। आयोग ने राज्य में निष्क्रिय चल रहे 42 राजनीतिक दलों का पंजीयन रद्द कर दिया है। इन दलों में सत्ताधारी DMK और भाजपा के सहयोगी दल भी शामिल हैं। बता दें कि आयोग ने लगातार 6 साल तक चुनाव न लड़ने के आधार पर देशभर में 474 राजनीतिक दलों को पंजीकृत पार्टियों की सूची से हटाया है, जिनमें 42 तमिलनाडु की है।
कारण
राजनीतिक दलों ने नहीं दिया था चुनावी खर्च का ब्यौरा
आयोग के इस सफाई अभियान की जद में आई तमिलनाडु की 42 पार्टियों में 39 ने पिछले तीन वित्तीय वर्षों (2021- 22, 2022-23, 2023-24) में अपना सालाना ऑडिट अकाउंट जमा नहीं कराया। ये ऐसे दल हैं, जिन्होंने चुनाव तो लड़ा है, लेकिन चुनाव खर्च की रिपोर्ट दाखिल नहीं की है। राजनीतिक दलों के पंजीयन की गाइडलाइन में साफ कहा गया है कि लगातार 6 साल तक चुनाव न लड़ने वाले दलों को पंजीकृत दलों की सूची से हटा दिया जाएगा।
कार्रवाई
इन तमिल दलों के खिलाफ हुई कार्रवाई
जिन तमिल पार्टियों पर कार्रवाई हुई है उनमें पापनासम के विधायक एमएच जवाहिरुल्ला के नेतृत्व में मनिथानेया मक्कल काची (MMK), विधायक ईआर ईश्वरन के नेतृत्व वाली कोंगुनाडु मक्कल देसिया काची (KMDK) और जॉन पांडियन के नेतृत्व वाली तमिलागा मक्कल मुनेत्र कड़गम शामिल है। MMK के दो विधायक हैं और KMDK का एक विधायक और एक सांसद है। बड़ी बात यह है कि MMK और KMDK दोनों ही DMK की सहयोगी पार्टियां हैं।
अन्य
ये दल भी हुए सूची से बाहर
सूची से से हटाई गई अन्य पार्टियों में थमिमुन अंसारी के नेतृत्व वाली मणिथानेया जननायगा काची शामिल है, जिसने नागपट्टिनम सीट से चुनाव लड़ा था। एनआर धनपालन के नेतृत्व वाली पेरुंथलाइवर मक्कल काची, जिसने पेरम्बूर सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन सफलता नहीं मिली। आयोग का कहना है कि चुनावी प्रणाली को साफ-सुथरा बनाने की व्यापक और सतत रणनीति के तहत कुल 474 पंजीकृत दलों का पंजीयन रद्द किया गया है।
संख्या
2 महीने में 800 से अधिक दलों पर हुई कार्रवाई
आयोग की तरफ से राजनीतिक दलों की सूची को ज्यादा पादर्शी बनाने के लिए यह सफाई अभियान चलाया जा रहा है। पिछले 2 महीने में कुल 808 राजनीतिक दलों को सूची से बाहर किया जा चुका है। इसके साथ ही आयोग ने 359 अन्य दलों को सूची से हटाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। अगर ये दल जरूरी दस्तावेज और शर्तें पूरी नहीं करते हैं तो जल्द ही उन्हें भी सूची से हटाया जा सकता है।