कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का विवादित बयान, PFI से की RSS और VHP की तुलना
क्या है खबर?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह एक बार फिर से अपने बयान को लेकर विवाद में हैं। इस बार उन्होंने हिंदुत्वादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और विश्व हिंदू परिषद (VHP) की तुलना इस्लामिक चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से की है।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में RSS-VHP और PFI को एक समान बताते हुए उन्होंने कहा कि ये सभी एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं।
उन्होंने PFI की तरह RSS और VHP पर भी कार्रवाई की मांग की।
विवादित बयान
दिग्विजय सिंह ने क्या कहा?
मध्य प्रदेश में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में PFI के खिलाफ कार्रवाई से संबंधित पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा, "जो नफरत फैलाए, जो हिंसा फैलाए, जो धार्मिक उन्माद फैलाए, उन सबके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इनके (PFI) के खिलाफ कार्रवाई हो रही है तो संघ के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? विश्व हिंदू परिषद के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।"
बयान
नफरत फैलाने वाले सभी संगठन एक-दूसरे के पूरक- दिग्विजय
एक पत्रकार ने जब पूछा कि क्या PFI और संघ की तुलना करना सही है तो दिग्विजय ने कहा, "निश्चित तौर पर। जो नफरत फैलाता है, धार्मिक उन्माद फैलाता है, वो एक थाली के चट्टे-बट्टे हैं, एक-दूसरे के पूरक हैं।"
अन्य बयान
पहले भी RSS को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं दिग्विजय
गौरतलब है कि दिग्विजय पहले भी RSS को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं और उस पर हिंसक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते रहे हैं।
2018 में दिए गए अपने ऐसे ही एक विवादित बयान में उन्होंने कहा था कि जितने भी हिंदू धर्म से आने वाले आतंकवादी पकड़े गए हैं, वे सभी संघ के कार्यकर्ता रहे हैं। उन्होंने कहा था कि महात्मा गांधी की हत्या करने वाला नाथूराम गोडसे भी RSS में रहा था।
PFI पर कार्रवाई
गुरुवार को गिरफ्तार किए गए थे PFI के 100 से अधिक नेता
बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गुरुवार को 13 राज्यों में PFI और उसकी राजनीतिक इकाई सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के ठिकानों पर छापा मारते हुए संगठन के 100 से अधिक शीर्ष नेताओं को गिरफ्तार किया था।
चरमपंथी ट्रेनिंग कैंप आयोजित करने, युवाओं को प्रतिबंधित संगठनों में शामिल करने के लिए कट्टरपंथी बनाने और आतंकी फंडिंग के आरोपों में ये छापे मारे गए थे।
खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर ये कार्रवाई की गई थी।
आरोप
PFI पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप
PFI और SDPI शुरू से ही गृह मंत्रालय के फोकस में रही हैं। दोनों संगठनों के खिलाफ खुफिया जानकारी मिली है कि इन्हें पश्चिम एशियाई देशों कतर, कुवैत, तुर्की और सऊदी अरब से अवैध रूप से पैसा मुहैया कराया जा रहा है।
ये संगठन इस पैसे का इस्तेमाल न केवल देश भर में आतंकी गतिविधियों के लिए बल्कि युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए भी कर रहे हैं। संगठन के मुस्लिम ब्रदरहुड जैसे इस्लामी संगठन से भी संबंध रहे हैं।