कांग्रेस ने IYC अध्यक्ष श्रीनिवास पर आरोप लगाने वालीं अंगकिता दत्ता को पार्टी से निकाला
कांग्रेस ने शनिवार को असम प्रदेश युवा कांग्रेस की अध्यक्ष डॉ अंगकिता दत्ता को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में 6 वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। अंगकिता ने भारतीय युवा कांग्रेस (IYC) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी पर उत्पीड़न और भेदभाव का आरोप लगाया था, जिसके बाद उन्हें गुरुवार को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया था। गौरतलब है कि अंगकिता असम के पूर्व मंत्री अंजन दत्ता की बेटी हैं।
क्या है पूरा मामला?
अंगकिता ने मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को टैग करते हुए कई ट्वीट किए थे। उन्होने लिखा था, 'भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी मुझे लगातार परेशान कर मेरे जेंडर के आधार पर भेदभाव कर रहे हैं।' उन्होंने आगे लिखा था, 'एक पुरुष श्रेष्ठतावादी भारतीय युवा कांग्रेस का नेतृत्व कैसे कर सकता है, जो हर समय एक महिला को प्रताड़ित और अपमानित करता है।'
अंगकिता ने पुलिस में दर्ज करवाई थी शिकायत
अंगकिता ने बुधवार को दिसपुर पुलिस थाने में श्रीनिवास के खिलाफ शिकायत भी दर्ज करवाई थी। उन्होंने शिकायत में आरोप लगाया था कि श्रीनिवास पिछले 6 महीने से उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान कर रहे हैं और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से उनके खिलाफ शिकायत करने पर परिणाम भुगतने की धमकी दे रहे हैं। इसके बाद असम कांग्रेस ने अंगकिता को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा था।
कानून के जरिए मामले को सुलझाया जाएगा- मुख्यमंत्री सरमा
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी मामले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, "हमने यह बोला था कि यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है, जिसका समाधान किया जाना चाहिए। एक बेटी की अस्मिता का सवाल आने पर कार्रवाई की जानी चाहिए। कांग्रेस ने मामले को सुलझाने की जगह अंगकिता को पार्टी से निकाल दिया।" सरमा ने आगे कहा कि अगर पार्टी (कांग्रेस) मामले को नहीं सुलझाएगी तो कानून के जरिए मामले को सुलझाया जाएगा।
कांग्रेस ने अंगकिता के आरोपों को किया खारिज
IYC ने अंगकिता द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए माफी की मांग की थी। IYC ने कहा था, "अंगकिता द्वारा श्रीनिवास के खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे और राजनीति से प्रेरित हैं। वह असम के मुख्यमंत्री सरमा के साथ लगातार संपर्क में हैं और भाजपा में शामिल होने के उद्देश्य से यह सब कर रही हैं। कर्नाटक चुनाव के दौरान पार्टी को बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं।"