कांग्रेस को राहत, आयकर विभाग अपीलीय न्यायाधिकरण ने फ्रीज बैंक खाते बहाल किए
क्या है खबर?
कांग्रेस नेता अजय माकन ने शुक्रवार को बताया कि कांग्रेस और युवा कांग्रेस के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए।
उन्होंने कहा कि आयकर विभाग (IT) ने ये कार्रवाई की है और पार्टी से 210 करोड़ रुपये की वसूली मांगी है।
2018-19 में बैंक खातों का विवरण 45 दिन देरी से देने के कारण कांग्रेस पर 210 करोड़ रुपये का ये भारी जुर्माना लगाया गया।
ऐलान के कुछ देर बाद आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) ने खातों को बहाल कर दिया।
तालाबंदी
कांग्रेस ने कहा- यह लोकतंत्र पर तालाबंदी है
अजय माकन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "आप लोगों को जानकार हैरानी होगी कि हिंदुस्तान के अंदर लोकतंत्र पूरी तरह से खत्म हो गया है। हमें परसों यह जानकारी मिली है कि जो चेक हम जारी कर रहे हैं, उन्हें बैंक स्वीकार नहीं कर रहा। हमने जब इसकी छानबीन की तो हमें बताया गया कि देश की मुख्य विपक्षी पार्टी के सभी खातों को फ्रीज कर दिया गया है। कांग्रेस पार्टी के खातों पर तालाबंदी, लोकतंत्र पर तालाबंदी है।"
आरोप
माकन ने सरकार पर लगाए आरोप
माकन ने कहा, "हैरानी की बात यह कि जब केवल 2 हफ्ते या हफ्ता चुनाव घोषणा के लिए रह गया हो, ऐसे समय में मुख्य विपक्षी पार्टी के खाते फ्रीज करके केंद्र सरकार क्या दिखाना चाहती है? जिस आधार पर यह फ्रीज किए गए हैं, वह हास्यास्पद है। IT ने 210 करोड़ रुपये की वसूली की मांग की है। पार्टी के अकाउंट में जो पैसा है, वह ऑनलाइन क्राउडफंडिंग के जरिए इकट्ठा किया गया है।"
कारण
माकन ने बताया, क्यों हुआ कांग्रेस का खाता फ्रीज
माकन ने आयकर विभाग के पार्टी पर 210 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के 2 कारण बताए हैं।
पहला, पार्टी को 31 दिसंबर, 2019 तक अपने खातों का विवरण जमा करना था, लेकिन चुनाव के कारण इन्हें 40-45 दिन देरी से जमा किया गया।
दूसरा, उसके सांसदों और विधायकों ने 14,40,000 नकद जमा किए थे।
माकन ने कहा कि पार्टी के पास अब बिजली बिल भरने और कर्मचारियों को वेतन देने तक के पैसे नहीं हैं।
कानूनी कार्रवाई
कांग्रेस ने ITAT में की थी अपील
बैंक खातों को फ्रीज किए जाने के खिलाफ कांग्रेस ने ITAT में अपील दायर की थी, जो आयकर विभाग के फैसलों के खिलाफ सुनवाई करने वाला प्राधिकरण है।
समाचार एजेंसी PTI की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस की अपील के बाद ITAT ने उसके बैंक खातों को बहाल कर दिया है। ITAT में आगे सुनवाई चलती रहेगी।
इससे पहले पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि पार्टी इस फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतरेगी और तानाशाही के खिलाफ लड़ेगी।