लोकसभा चुनाव: पंजाब में अकेले लड़ेगी भाजपा, अकाली दल के साथ नहीं हुआ गठबंधन
आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पंजाब में अकेले ही मैदान में उतरेगी। दरअसल, राज्य में शिरोमणि अकाली दल (SAD) और भाजपा के बेच गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही थी, लेकिन सीट बंटवारे को लेकर यह बातचीत सफल नहीं हो पाई। इस बात की जानकारी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने एक वीडियो के माध्यम से दी है। बता दें, पंजाब में लोकसभा की 13 सीटे हैं।
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पिछले किसान आंदोलन में टूटा था भाजपा-SAD गठबंधन
पंजाब में पहले भाजपा और SAD का गठबंधन रहा है और दोनों दशकों तक सहयोगी थे। हालांकि, 2020 में 3 कृषि कानूनों के बाद हुए किसान आंदोलन के कारण SAD ने भाजपा से गठबंधन तोड़ दिया था। एक बार फिर से चर्चाएं थी कि दोनों पार्टियां साथ आ सकती हैं। 2019 लोकसभा चुनाव में गठबंधन में लड़ने पर SAD और भाजपा को 2-2 सीटें जीती थीं। कांग्रेस ने 8 और आम आदमी पार्टी (AAP) ने 1 सीट जीती थी।
SAD का बड़ा वोट बैंक हैं किसान
किसान समुदाय हमेशा से SAD का बड़ा वोटबैंक रहा है। पार्टी ने किसानों के लिए कई योजनाएं शुरू कीं थीं। ऐसे में गठबंधन नहीं होने पर वोटबैंक के भाजपा के पक्ष ने नहीं जाने का डर है।
क्या भाजपा का होगा नुक्सान?
किसान आंदोलन को पंजाब में भाजपा के लिए अच्छा नहीं माना जा रहा है और राज्य में पार्टी की हालत ज्यादा ठीक नहीं है। पिछले किसान आंदोलन से भी भाजपा को राज्य में झटका लगा था। अब पार्टी ग्रामीण पंजाब में पैठ बनाने की कोशिश कर ही रही थी, लेकिन किसान एक बार फिर सड़कों पर आए हैं। जानकारों का मानना है कि गठबंधन नहीं होने पर भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
पंजाब में AAP-कांग्रेस में भी गठबंधन नहीं
इससे पहले पंजाब में AAP और कांग्रेस में भी गठबंधन नहीं हो सका था। दोनों पार्टियां INDIA गठबंधन के तहत कई राज्यों में एक साथ चुनाव लड़ रही हैं, लेकिन पंजाब से दोनों अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे। AAP ने अपने 8 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है और 5 मंत्रियों को मैदान में उतारा है। बता दें, पंजाब में इस बार सभी सीटों पर 1 जून को मतदान होने हैं।