जयंत चौधरी ने ठुकराया भाजपा का न्योता, बोले- आंदोलन में मरे किसानों के परिवारों को बुलाओ
क्या है खबर?
भाजपा पिछले एक-डेढ़ साल से पार्टी से नाराज चल रहे जाटों को मनाने की कोशिश में जुट गई है और इसी दिशा में उसने बुधवार को दिल्ली में जाट नेताओं के साथ एक बड़ी बैठक की।
खबर है कि इस बैठक के लिए राष्ट्रीय लोकदल (RLD) प्रमुख जयंत चौधरी को भी न्योता भेजा गया था। हालांकि जयंत ने ट्वीट करते हुए भाजपा के इस न्योते को ठुकरा दिया और उससे आंदोलन में मरे किसानों के परिवारों को बुलाने को कहा।
बैठक
भाजपा सांसद के घर पर जाट नेताओं से मिले अमित शाह
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, गृह मंत्री अमित शाह ने कल पश्चिमी दिल्ली से सांसद प्रवेश वर्मा के घर पहुंचे और यहां पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लगभग 200 जाट नेताओं से मुलाकात की, जिन्होंने शाह के सामने अपने मुद्दे रखे।
इस बैठक के बाद वर्मा ने कहा, "जयंत चौधरी ने गलत रास्ता चुना है। जाट समुदाय के नेता उनसे बात करेंगे और हमारे दरवाजे उनके लिए हमेशा खुले हुए हैं।"
बयान
जयंत का जवाब- उन 700 किसान परिवारों को न्योता दो जिनके परिवार आपने उजाड़े
भाजपा ने इस न्योते को सार्वजनिक तौर पर खारिज करते हुए जयंत चौधरी ने कहा, 'न्योता मुझे नहीं, उन 700 से अधिक किसान परिवारों को दो जिनके घर आपने उजाड़ दिए!' वे किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों की बात कर रहे थे।
नाराजगी
किसान आंदोलन के समय से भाजपा से नाराज चल रहे हैं जाट
गौरतलब है कि किसान आंदोलन के समय से ही जाट समुदाय भाजपा से नाराज चल रहा है और वे लोकदल के समर्थन में लामबंद होते हुए नजर आ रहे हैं।
हालांकि भाजपा जाटों की ऐसी किसी भी नाराजगी से इनकार करती रही है। बुधवार को ही मुजफ्फरनगर से सांसद और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा के सबसे बड़े जाट नेता संजय बालियान ने कहा कि जाट पार्टी से नाराज नहीं हैं और जाट भाजपा के लिए ही वोट करेंगे।
रणनीति
RLD की आंतरिक कलह का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है भाजपा
बता दें कि भाजपा RLD के अंदर चल रही कलह का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है। दरअसल, समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन और फिर RLD की पकड़ वाली सीटों पर सपा के उम्मीदवारों को टिकट से पार्टी के समर्थकों का एक खेमा नाराज है।
मेरठ बेल्ट में तो सपा के उम्मीदवारों को टिकट दिए जाने से जाट बेहद नाराज हैं और सिवालखास, सरधना और हस्तिनापुर में इसे लेकर प्रदर्शन भी हुए हैं।
मुजफ्फरनगर
मुजफ्फरनगर में भी गठबंधन को करना पड़ रहा परेशानी का सामना
मुजफ्फरनगर में भी सपा-लोकदल गठबंधन को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस इलाके में लगभग 40 प्रतिशत मुस्लिम हैं, लेकिन इसके बावजूद किसी भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दी गई है।
जाट मतदाताओं की मुस्लिमों उम्मीदवारों के प्रति नाराजगी को देखते हुए ये फैसला लिया गया है, लेकिन अब इस फैसले ने मुस्लिम मतदाताओं को नाराज कर दिया है।
जिले में छह विधानसभा सीटें हैं जो 2017 विधानसभा चुनाव में भाजपा के खाते में गई थीं।
जानकारी
क्यों अहम हैं जाट?
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की लगभग 40 सीटों पर जाट समुदाय निर्णायक भूमिका में रहते हैं और अगर वे मुस्लिमों के साथ मिलकर गठबंधन के समर्थन में वोट डालते हैं तो ये उत्तर प्रदेश विधानसभा के नतीजों के रुख को मोड़ सकते हैं।